गोपेश्वर महाविद्यालय में 12 दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का हुआ समापन

देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में ई०डी०आई०आई० अहमदाबाद द्वारा संचालित उद्यमिता विकास कार्यक्रम का समापन हो गया है। 12-दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम में ई०डी०आई०आई० द्वारा नियुक्त विषय विशेषज्ञों एवं महाविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को उद्यमिता क्षेत्र में स्वरोजगार हेतु उन्मुख किया गया। उद्यमिता विकास कार्यक्रम 12 दिवसीय प्रशिक्षण में ई०डी०आई०आई० के प्राध्यापक डॉ० सुमित कुमार, राधे उनियाल इनक्यूबेशन मैनेजर, महेंद्र कफोला, उपप्रबंधक ‘ग्रामोत्थान परियोजना गोपेश्वर’,उत्तराखंड राज्य शिल्प रत्न पुरस्कार से सम्मानित धर्म लाल, उद्यमिता विशेषज्ञ रणवीर कठैत (ग्रामीण व्यापार इनक्यूबेटर गोपेश्वर), राजेंद्र सिंह रावत सीनियर मेंन्टोर EDII अहमदाबाद, सीड फंड अवॉर्डी दीपक सिंह नेगी (छात्र राजकीय डिग्री कॉलेज चौखुटिया) ने उद्यम शुरू करने में होने वाली समस्याओ, उत्पादन, प्रसंस्करण, विपणन संबंधी अनुभवों को साझा किया। डॉ० जगमोहन सिंह नेगी, सहायक प्राध्यापक राजनीति विज्ञान, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर ने जनपद चमोली, गृह विज्ञान विभाग में कार्यरत डॉ० प्रेमलता, डॉo सुधीर कोठियाल,असिस्टेंट प्रोफेसर रसायन विज्ञान ने उद्यमिता के बारे में प्रभावी व्याख्यान दिए। प्रतिभागियों द्वारा कर्णप्रयाग के समीप कालेश्वर औद्योगिक क्षेत्र में हार्क एवं कल्प इकाइयों का भ्रमण किया गया और कल्प औद्योगिक परिसर में पानी के पैकेजिंग की ऑटोमैटिक यूनिट की कार्य प्रणाली को समझा। इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ० रोहित वर्मा ने सभी प्रतिभागियों से अपने उद्यमिता संबन्धित विचारों पर आगे बढ़ने हेतु निरंतर प्रोत्साहित किया। समापन दिवस के अंतिम सत्र में कार्यक्रम संयोजक एवं नोडल डॉ० रोहित वर्मा ने उद्यमिता विकास कार्यक्रम की आख्या प्रस्तुत की। भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० वी० पी० देवली० ने उद्यमिता क्षेत्र में भविष्य निखारने को अभिप्रेरित किया। महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य प्रो० चंद्रावती जोशी ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में ऐसे कार्यक्रम रोजगार को बढ़ावा देने में पाठ्यक्रम के रूप में संचालित की जाने की आवश्यकता है। इनमें युवाओं को उद्यमिता, स्टार्ट-अप के लिए जरूरी तकनीकी एवं आर्थिक जानकारी दी जा रही है। इस 12 दिवसीय कार्यक्रम में अस्सी छात्र छात्राओं ने पंजीकरण किया, कुल पंद्रह प्रतिभागियों ने अपने व्यावसायिक विचारों को प्रस्तुत किया और पाँच का एम०एस०एम०ई० रजिस्ट्रेशन किया गया। अगले चरण में छात्र-छात्राएँ अपने उत्पाद का प्रोटोटाइप बना कर देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत उद्यम स्थापना हेतु सीड फ़ंड के लिए आवेदन करेंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ० बन्दना लोहानी द्वारा किया गया। समापन कार्यक्रम में डॉ० घनश्याम सिंह, डॉ० सौरभ कुमार, डॉ० चंदा, डॉ० रमन बहुगुणा, डॉ० सुधीर कोठियाल एवं डॉ० राजेंद्र सिंह उपस्थित रहे।

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