जोशीमठ प्रखंड के गहर-भंग्यूल के ग्रामीण सड़क और मोटर पुल के निर्माण की मांग को लेकर आज सड़क पर उतरे और जमकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
जुलूस की शक्ल में आंदोलनकारी ग्रामीण तहसील परिसर पहुंचे और सांकेतिक धरने पर बैठे। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी गहर-भंग्यूल गांव आज भी सड़क संपर्क से नहीं जुड़ पाया है। 7 फरवरी 2021 को ऋषिगंगा में आई आपदा से बाद से तपोवन से गहर-भंग्यूल को जोड़ने वाला पैदल पुल भी बह गया था। जिसके बाद अब ग्रामीण एनटीपीसी के क्षतिग्रस्त बैराज के ऊपर से बनाये गए वैकल्पिक पुल से जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे है। आपदा के बाद गांव को जोड़ने वाला वैकल्पिक पुल बना था जो एक हफ्ते भी नहीं टिक पाया और धौली गंगा के तेज बहाव में बह गया था जिसके बाद से ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने के लिए मजबूर है।
गुस्साए ग्रामीणों ने आज सडक पर उतर कर सरकार और प्रशासन के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया और चेतावनी दी कि अगर तपोवन से गहर-भंग्यूल को जोड़ने वाले मोटर पुल और सड़क की स्वीकृति अविलंब नहीं मिलती है तो ग्रामीण आगामी लोकसभा का बहिष्कार करेंगे। तहसील परिसर में धरना देने के बाद ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया और ज्ञापन मर कहा गया है कि अगर ग्रामीणों को मांगों पर जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो ग्रामीण आगामी आम चुनाव का बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे। ग्राम प्रधान गहर-भंग्यूल रोशनी देवी का कहना है कि कई बार शासन-प्रशासन से मोटर पुल और सड़क की मांग लो लेकर ज्ञापन दिया गया लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, उन्होंने कहा कि अगर समय रहते ही ग्रामीणों को मांगों को अमल में नहीं लाया जाता है तो ग्रामीणों के पास आगामी लोकसभा चुनाव के बहिष्कार के सिवाय और कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
स्थानीय ग्रामीण जितेंद्र सिंह का कहना है कि 2011 से तपोवन से गहर-भंग्यूल को जोड़ने वाली सड़क स्वीकृत है लेकिन आज तक सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो सकता है। इस अवसर पर ओम प्रकाश डोभाल, दिनेश कन्याल, मिथिलेश सिंह, भगत सिंह राणा, दर्शन सिंह, रंजीत सिंह, पुष्पा देवी, माहेश्वरी देवी, गुड्डी देवी, सरिता देवी समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे।