तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना का कार्य कर रही एनटीपीसी की पेटी कंपनी एचसीसी द्वारा कार्यरत मजदूरों को बिना नोटिस अन्यायपूर्ण तरीके से बर्खास्तगी के खिलाफ श्रमिकों ने उपजिलाधिकारी जोशीमठ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। श्रमिक एचसीसी में पिछले कई वर्षों से कार्यरत है और जोशीमठ में हुए भू-धंसाव के बाद से कंपनी का कार्य बंद पड़ा है। उक्त मामला उच्च न्यायालय के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास लंबित है। लेकिन कंपनी द्वारा वर्तमान में कार्यरत श्रमिकों को बर्खास्त किया जा रहा है जिसमें श्रमिक कानूनों का सीधे-सीधे कंपनी द्वारा उलंघन किया जा रहा है जिसके खिलाप आज श्रमिकों ने तहसील परिसर में इकट्ठा होकर कंपनी की इस श्रमिक विरोधी नीति का पुरजोर विरोध किया। अपने 4 सूत्रीय ज्ञापन में श्रमिकों ने एचसीसी कंपनी पर आरोप लगाया कि कंपनी पिछले एक साल से उनकी उपेक्षा कर रही है। न्यायालय द्वारा कंपनी को परियोजना क्षेत्र में रख-रखाव की अनुमति दी है लेकिन कंपनी द्वारा कार्यरत श्रमिकों को नो वर्क नो पे नोटिस के आधार पर घर बैठा रखा है जिस कारण परियोजना में कार्यरत श्रमिकों को परिवार चलाना और आजीविका का संकट पैदा हो गया है। ज्ञापन में श्रमिकों द्वारा स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा कर बाहरी लोगों को रोजगार देने का भी आरोप लगाया है। इसके अतिरिक्त परियोजना से बिना नोटिस बर्खास्त किये गए श्रमिकों की पुनर्बहाली, जोशीमठ आपदा के दौरान जिला प्रशासन द्वारा परियोजना पर रोक के समय का नो वर्क नो पे का भुगतान, परियोजना द्वारा स्थानीय लोगों के हितों की अनदेखी पर तत्काल रोक लगाने, आपदा प्रभावित स्थानीय बेरोजगारों के हितों के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री से गुहार लगाई गई है। ज्ञापन में आगे कहा गया है कि यदि श्रमिकों की मांगों पर समय रहते ही कार्यवाही नहीं कि जाति है तो श्रमिकों द्वारा आन्दोलनात्मक कार्यवाही के लिए बाध्य होना पड़ेगा इस अवसर पर कामरेड अतुल सती, कमल रतूड़ी, विक्रम सिंह, राधाकृष्ण सिंह, सोहन सिंह, मनवर सिंह, भगत लाल, रोहित बिष्ट, संदेश बिष्ट, दिलवर सिंह, मनोज सिंह समेत 50 से अधिक श्रमिक मौजूद थे।