जोशीमठ में हुए भू-धंसाव के बाद आपदा प्रभावितों के द्वारा जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से अपनी मांगों को लेकर क्रमबद्ध आंदोलन जारी है। 11 मई 2024 को जोशीमठ आपदा प्रभावितों की मांगों को लेकर हुए आंदोलन में शामिल लोगों को पुलिस की ओर से मुकदमें के नोटिस दिए गए है।
जिसके बाद जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति पुलिस प्रशासन के प्रति अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बृहस्पतिवार को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति द्वारा उपजिलाधिकारी जोशीमठ के माध्यम से सूबे के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है जिसमें कहा गया है कि आपदा प्रभावित लोगों को भेजे गए नोटिस को तत्काल वापस लिया जाय और जोशीमठ में विस्थापन, पुनर्वास के कार्य मुख्यमंत्री के साथ हुई सहमति के आधार पर तत्काल शुरू किए जाएं। संघर्ष समिति के संयोजक कामरेड अतुल सती का कहना है कि अपने विस्थापन एवं पुनर्वास तथा अन्य मांगों पर पर 11 मई 2023 को एक मशाल जुलूस निकाला था जिसके बाद एक वर्ष बीत गया पुलिस द्वारा लोगों को डराने, धमकाने और गरीब, दलित लोगों का दमन करने के लिए नोटिस थमाए जा रहे है जो कि आंदोलन को कुचलने और लोगों की आवाज दबाने का कुत्सित प्रयास है जिसका पुरजोर विरोध किया जायेगा।
ज्ञापन देने वालों में संघर्ष समिति के कोषाध्यक्ष संजय उनियाल, बुद्धि लाल, दीपक टम्टा, भवानी, महेंद्र, गंगा प्रकाश, महेंद्र, सचिन, लक्ष्मी देवी सहित कई लोग थे।