ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ग्रीष्मकालीन प्रवास पर ज्योतिर्मठ में है। आज शंकराचार्य अभिमुक्तेश्वरानन्द महाराज ने निर्जला एकादशी के पावन अवसर भगवान बदरीविशाल के मंगलमय दर्शन, पूजन किए। उसके बाद आदिकेदार में जलाभिषेक, अग्नितीर्थ में प्रोक्षण दर्शन के बाद, लीलाढुंगी, वामणी गांव की भगवती नन्दा देवी, बदरिकाश्रम की शक्ति भगवती उर्वशी देवी के दिव्य दर्शन किए।मणिरत्नेश्वर महादेव’ का वार्षिकोत्सव सम्पन्न हुआ, शंकराचार्य जी महाराज ने किया दुग्धाभिषेक।
बदरीविशाल धाम मे स्थित श्रीशंकराचार्य मठ शेषनेत्र आश्रम परिसर में विराजमान अद्भुत शक्तियों के केन्द्र सिद्ध स्फटिक शिला की अद्भुत मूर्ति जो कि सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती है, भगवान मणिरत्नेश्वर आज एकादशी के दिन वार्षिकोत्सव मनाया गया, पूज्य शङ्कराचार्य जी महाराज ने रुद्राभिषेक कर शिवाराधना की।इस अवसर पर भगवान बदरीविशाल के मुख्यपुजारी श्री ईश्वरप्रसाद नम्बूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, नायब रावल, केन्द्रीय धार्मिक डिमरी पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, मन्दिर प्रशासक राजेन्द्र चौहान, पूर्व वेदपाठी कुशलानन्द बहुगुणा, अशोक टोडरिया, शिवानन्द उनियाल, बलदेवप्रसाद मेहता, अजेय स्वरूप ब्रह्मचारी, शंकर बाबा, मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, पवन डिमरी, शिवानन्द उनियाल समेत अनेकों जन उपस्थित रहे।