भूस्खलन की दहशत में पगनौ गांव के ग्रामीण, एक साल से शासन-प्रशासन ने नहीं ली सुध

जोशीमठ प्रखंड के पगनौ गांव के ठीक ऊपर पिछले साल से लगातार भूस्खलन हो रहा है। पिछले वर्ष प्रशासन द्वारा गांव के कुछ परिवारों का अस्थायी विस्थापन किया गया था लेकिन उसके बाद से पगनौ गांव की कोई सुध न तो शासन ने ली और न प्रशासन ने। 120 परिवारों वाले इस गांव में कल हुई आफत की बारिश के बाद 50 से अधिक परिवार भूस्खलन से प्रभावित हो गए है। मानसून का सीजन और और मूसलाधार बारिश कभी भी पगनौ गांव के अस्तित्व को मिटा सकती है। कल रात को भारी बारिश के बाद एक बार फिर से गांव के ऊपरी छोर पर भूस्खलन क्षेत्र सक्रिय हो गया जिनके बाद गांव में मिट्टी-पत्थर बह कर गांव के तरह आ गए जिसके बाद ग्रामीण दहसत में है और खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर है।

शासन-प्रशासन द्वारा देर शाम तक भी कोई टीम गांव तक नहीं पहुंची थी ग्रामीणों ने खुद ही गांव की तरफ बह रहे नाले को दूसरी तरफ मोड़ा। कल रात को हुई बारिश के बाद बने नाले का बहाव इतना भयंकर था कि कई घरों और गौशाला में पानी भर गया है।

स्थानीय पगनौ गांव के प्रभावित ग्रामीण रमेश सुंदरियाल दलवीर पंवार, संगीता देवी, दुर्गा देवी का कहना है कि कल रात हुई मूसलाधार बारिश से जहां घरों और गोशालाओं में पानी भर गया है वहीं रास्ते और खेत भी क्षतिग्रस्त हो गए है। जिसके बाद ग्रामीण दहशत में रात गुजारने के लिए मजबूर है।

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