बदरीनाथ धाम के माणा गांव में स्थित भीम पुल के समीप सरस्वती मंदिर में लगाई गई कुछ मूर्तियों पर स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि बदरी क्षेत्र में भगवान बदरी विशाल एवं सनातन में पूजित देवी देवताओं के अलावा कोई अन्य मूर्तिया नहीं लगनी चाहिए।
भैरव सेवा के अध्यक्ष संदीप खत्री द्वारा वासुदेवानंद सरस्वती को यह अवगत करवाया गया कि माणा गांव में स्थित सरस्वती मंदिर में कुछ ऐसी मृतकों की मूर्तियां रखी गई है जो सनातन में पूजित होने योग्य नहीं है। इस पर वासुदेवानंद सरस्वती ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन मूर्तियों को मंदिर से हटवाने को कहा है। साथ ही वासुदेवानंद सरस्वती ने भगवा सेना को हर संभव मदद का भरोसा देते हुए कहा की जवाबदारों को देवभूमि में हो रहे ऐसे कृत्य पर संज्ञान लेते हुए अपनी जबाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए, यदि देवभूमि में इस प्रकार के कृत्य होंगे तो यह सनातन पर कुठाराघात है।
दरअसल माणा गांव में स्थित भीम पुल के समीप सरस्वती मंदिर का सौंदर्यीकरण करवाया गया है और इस दौरान कुछ लोगों द्वारा यहां पर मृतकों की कुछ अन्य मूर्तियां रखी गई है इस पर वासुदेवानंद सरस्वती ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी व्यक्त की है उन्होंने कहा कि बदरी क्षेत्र में भगवान बदरी विशाल की पूजा होनी चाहिए मृतकों की नहीं।
इस पर भैरव सेवा के अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा की 25 जुलाई को भैरव सेवा के लोग बदरीनाथ धाम में स्थित सरस्वती मंदिर पहुंचेंगे और यहां प्रदर्शन करते हुए वहां रखी हुई मृतकों की मूर्तियां खुद उठकर सरस्वती नदी में प्रभावित करेंगे।