केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में सोना प्रकरण का विवाद बढ़ गया है। ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के हाल में दिए गए बयान के बाद केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने भी केदारनाथ सोना प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि वो शुरुआती दौर से ही केदारनाथ धाम में चांदी और सोने की परत लगाए जाने का विरोध करते रहे है। उनके विरोध के बावजूद भी मंदिर समिति प्रशासन की ओर से पहले चांदी और उसके बाद सोने की परत लगाई गई। केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने आरोप लगाते हुए कहा कि सोने की 528 प्लेटों के साथ ही चांदी की 230 प्लेट भी गायब है। उन्होंने मंदिर समिति से सवाल किया है कि आखिर 230 किलो सोना कहां गया। इसके अलावा उन्होंने पूर्व में लगी चांदी के बारे में भी मंदिर समिति से जवाब मांगा है। केदार सभा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा है कि हम शुरुआती दौर से ही हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश से इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग कर रहे है। जिसको राज्य सरकार द्वारा अनसुना किया गया है। उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी जिन्होंने केदारनाथ में सोना प्रकरण को सामने लाए उन्होंने कहा कि वह शुरुआती दौर से ही सोना की गुणवत्ता पर सवाल उठाते रहे है। उन्होंने कहा कि आखिर सोना तांबे में कैसे बदला, उन्होंने कहा कि पूर्व में गढ़वाल कमिश्नर की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई जाने की बात कही गई थी, उस जांच रिपोर्ट का क्या हुआ इसका भी खुलासा होना चाहिए।