नगर क्षेत्र ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) में आज वाल्मीकि समुदाय के लोगों द्वारा महर्षि वाल्मीकि की शोभायात्रा निकाली गई जिसमें शोभायात्रा को महर्षि वाल्मीकि मंदिर से होते हुए नरसिंह मंदिर, सिंहधार, मारवाड़ी होटल, अप्पर बाजार, छावनी बाजार से होते हुए वाल्मीकि मंदिर पर समापन किया गया।
शोभा यात्रा के दौरान अनेक प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें मुख्य आकर्षण महर्षि वाल्मीकि की कुटिया जिसमें माता सीता, लव-कुश, वाल्मीकि के साथ विराजमान थे। साथ ही रथ पर भगवान श्री राम, लक्ष्मण और पवन पुत्र हनुमान जी शोभायमान थे।
बैंड-बाजे और ढोल नगाड़ों की धुन पर अनेक प्रकार के कर्तबों को दिखाया गया। जिसमें कृष्ण लीला, महाकाली, शिव तांडव आदि कलाकारों ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दी इस बार इस शोभायात्रा को भव्य रूप से सजाया गया था। जिसमें अनेक प्रकार के कर्तब दिखाए गए।
महर्षि वाल्मीकि जी का जीवन और उनके द्वारा रचित रामायण हमें सत्य, धर्म और कर्तव्य के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा प्रदान करती है। इस शोभा यात्रा को सन 1984 में 17 अक्टूबर 1984 को प्रारंभ किया गया था तब से अब तक यह शोभा यात्रा निरंतर वाल्मीकि समाज द्वारा निकली जा रही है। आज इस शोभायात्रा को 40 वर्ष पूर्ण हो गए है। शोभायात्रा में कार्यक्रम अध्यक्ष अनिल कुमार वाल्मीकि, अध्यक्ष किशन कुमार, कोषाध्यक्ष बबलू कुमार, अखाड़े के गुरु चमन लाल, बिशनलाल झरिया एवं समाज के लोग उपस्थित रहे।