बदरीनाथ धाम में महायोजना के अंतर्गत विकास कार्य चल रहे है। इस योजना के अंतर्गत धाम में हाइवे का निर्माण भी किया गया है। इस हाइवे के इर्द-गिर्द की भूमि को मास्टर प्लान के अंतर्गत ग्रीन जोन घोषित किया गया है। इस ग्रीन जोन में किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं है जबकि इस क्षेत्र में बदरीनाथ, पांडुकेश्वर, बामणी के स्थानीय लोगों की जमीन है। मास्टर प्लान के लिए यहां के स्थानीय लोगों ने कई नाली भूमि दी है जबकि कई ऐसे स्थानीय लोग भी है जिन्होंने मास्टर प्लान में अपनी भूमि दी है और अब उसके पास घोषित ग्रीन जोन के अंतर्गत ही जमीनें बची है जिस पर निर्माण की अनुमति नहीं है। आज बदरीनाथ, बामणी और पांडुकेश्वर के घोषित ग्रीन जोन से प्रभावित स्थानीय लोगों ने उपजिलाधिकारी ज्योतिर्मठ के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर अपनी जमीनों को ग्रीन जोन से हटाने की मांग की है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने मास्टर प्लान के लिए अपनी जमीनें दी है अब निर्माण के लिए उनके पास बदरीनाथ धाम मर नव निर्मित हाइवे के आस-पास की जमीनें बची है जो कि ग्रीन जोन घोषित किया गया है और ग्रीन जोन हेतु घोषित भूमि पर निर्माण की अनुमति है। जबकि स्थानीय लोगों का छः महीने का रोजगार बदरीनाथ धाम में चलने वाली यात्रा पर निर्भर है। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट हेतु उन्होंने अपनी भूमि खुशी-खुशी दी और अब उनकी बची हुई जमीन और निर्माण करने नहीं दिया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने जल्द स्व जल्द उनकी भूमि को ग्रीन जोन से हटाने की मांग की है, ऐसा न होने के क्रम में उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है।