भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ की जड़ को खोद कर बनाये जा रहे है हेलंग-मारवाड़ी बाईपास सड़क का निर्माण कार्य जोर-शोर से जारी है।
इन दिनों जोशीमठ प्रखंड के सेलंग गांव के ठीक नीचे हार्ड रॉक को भारी विस्फोटों से उड़ाया जा रहा है लेकिन चारों तरफ शासन, प्रशासन और वन विभाग मौन है। यूं तो कहा जा रहा था कि हेलंग-मारवाड़ी बाईपास निर्माण में रत्तीभर भी विस्फोटकों का प्रयोग नहीं किया जायेगा, सड़क का निर्माण आधुनिक मशीनरी से होगा लेकिन इन दिनों दिन- दहाड़े खुलेआम सड़क निर्माणदायी कंपनी के.सी.सी. द्वारा चट्टानों को उड़ाया जा रहा है जिसकी कंपन एनटीपीसी से की सुरंग से खोखले हुए सेलंग गांव तक महसूस किया जा रहा है।
पहाड़ों के भारी विस्फोटक के प्रयोग पर रोक है लेकिन निर्माणदायी कंपनियां प्रशासन से कम मात्रा में ब्लास्ट की अनुमति लेती है और भारी मात्रा में विस्फोटकों के प्रयोग से चट्टानों को उड़ा देती है जिससे पहाड़ पूरी तरह कमजोर हो जाते है और बरसात में या फिर अन्य सामान्य स्थिति में चट्टानों के चट्टान टूट जाते है।
जिसका खामियाजा प्रभावित गांव और शहरों को भुगतना पड़ता है। हेलंग-मारवाड़ी बाईपास के ऊपर एनटीपीसी की पूरी परियोजना का मुख्य सुरंग और भू-धंसाव प्रभावित जोशीमठ नगर है उसके बावजूद बाईपास निर्माण में विस्फोट कर के क्यों एक बड़ी आपदा को न्योता दिया जा रहा है समझ से परे है। प्रशासन से लेकर वन विभाग तक इस पर चुप्पी क्यों है ये भी एक बड़ा सवाल है।