एनटीपीसी की परियोजना के तहत कार्यरत एचसीसी कम्पनी के श्रमिकों को बगैर नोटिस बगैर पूर्ण वेतन भत्ते के अन्यायपूर्ण तरीके से बर्खास्त किये जाने और पूर्व में एनटीपीसी द्वारा प्रभावित ग्रामीणों से किये गए वादे पूर्ण न करने के बाद श्रमिकों और प्रभावित ग्रामीणों में कंपनी के खिलाफ भारी आक्रोश है। एक तरफ जहां बिना नोटिस बर्खास्त किये गए श्रमिक लंबे समय पुनर्बहाली की मांग कर रहे है। वहीं प्रभावित ग्रामीण विभिन्न मांगों को लेकर संघर्षरत है। अब ग्रामीणों और श्रमिकों ने आर-पार की लड़ाई लड़ने और कंपनी के समस्त कार्यों को बंद कर बड़े आंदोलन करने की तैयारी है। प्रभावित ग्रामीणों और श्रमिकों ने बदरीनाथ बस स्टैंड स्व लेकर तहसील परिसर तक कंपनी और प्रशासन के खिलाफ जन आक्रोश रैली निकाली और तहसील परिसर में जनसभा कर कंपनी के खिलाफ व्यापक आंदोलन का आह्वाहन किया।कंपनी द्वारा बिना नोटिस बाहर किये गए श्रमिकों और कंपनी प्रभावित गांवों की 8 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष का नेतृत्व कर रहे कामरेड अतुल सती का कहना है कि एनटीपीसी परियोजना जहां श्रमिकों और परियोजना प्रभावित ग्रामीणों से पूर्व में किये वादे से मुकर रही है वहीं ये परियोजना हिमालयी पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है। रैणी-तपोवन आपदा और जोशीमठ आपदा के लिए जिम्मेदार इस परियोजना को कार्यप्रणाली ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि समय रहते ही उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं हुई तो वो क्षेत्र को प्रभावित जनता को साथ लेकर परियोजना के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे। इस अवसर पर बलवंत सिंह, नीरज सिंह, अनूप सिंह, अरविंद सिंह, राजेन्द्र खनेड़ा, सतीश लाल, विनोद कुमार, अजीतपाल रावत, मुसुली देवी, जयंती देवी, सुलोचना देवी, अनिता देवी, लक्ष्मी देवी समेत कई ग्रामीण और श्रमिक मौजूद थे।