शंकराचार्य स्वरूपानंद जी के ब्रह्मलीन होने के बाद ज्योतिष्पीठ का विवाद खत्म- स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज

ज्योतिष्पीठ प्राचीन मठ के शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज इन दिनों ग्रीष्मकालीन प्रवास पर ज्योतिर्मठ में है। भब्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद वासुदेवानंद जी पहली बार ज्योतिर्मठ प्रवास पर पधारे है।

ज्योतिर्मठ में इसी उपलक्ष्य में राम कथा का भी आयोजन किया जा रहा है जिसमें भक्त श्रीराम चंद्र जी की जीवन चरित्र पर आधारित कथा में भारी संख्या में पधार रहे है। आज से रामकथा में श्री कृष्ण जी की बाल जीवन पर आधारित रासलीला का भी आयोजन किया जायेगा। शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ने पत्रकार वार्ता में कहा कि शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद निर्विवाद रूप से वो ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य है। और कहा कि कुछ लोग बेवजह विवाद खड़ा कर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य को लेकर भ्रम फैला रहे है। उन्होंने नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार भारत के प्रधान मंत्री घोषित होने पर अपना आशीर्वाद दिया। जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि जोशीमठ को कुछ नहीं होगा और कहा कि जो लोग प्रभावित हुए है उनकी समस्या को लेकर वो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से वार्ता करेंगे। प्रेसवार्ता में शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि अयोध्या में बना राम मंदिर, मंदिर नहीं बल्कि भगवान राम का महल है और यह महल वहीं बनाया गया है जहां भगवान राम का जन्म हुआ था। इसके अतिरिक्त चारधामों में श्रद्धालुओं की जगह बढ़ते पर्यटकों पर उन्होंने चिंता व्यक्त की है और कहा कि धामों में श्रद्धालुओं को ही दर्शन कर लाभ प्राप्त होता है।

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