अपर जिलाधिकारी चमोली के लिखित आश्वासन के बाद मूल निवासी स्वाभिमान संगठन ने खत्म किया चक्काजाम, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों ने ली राहत की सांस

ज्योतिर्मठ भू-धंसाव प्रभावित मूल निवासी सअंगठन के आह्वाहन पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सुबह 9 बजे से जैम फैक्ट्री तिराहे पर चक्काजाम किया था जो अपरजिलाधिकारी चमोली विवेक प्रकाश द्वारा लिखित आश्वासन पर 3 घंटे बाद 12 बजे समाप्त हो गया है।

मूल, पुस्तैनी निवासियों की मांग थी कि जोशीमठ नगर में आई भू-धंसाव आपदा के 21 माह गुजर जाने के बाद भी सरकार और प्रशासन द्वारा यहां के लोगों की मांग पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। जिससे गुस्साए लोगों ने आज चक्काजाम और बाजार बंद का ऐलान किया गया था। जो कि आज सुबह 9 बजे से शुरू हो गया।

इस दौरान चक्काजाम स्थल पर स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन की भारी मौजूदगी रही। सरकार और और प्रशासन के जोशीमठ को लेकर अनदेखी पर संगठन के लोगों ने शासन-प्रशासन के मुर्दाबाद के नारे लगाए और मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार और गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी का पुतला भी दहन किया।

चक्कजाम स्थल पर भाजपा-कांग्रेस के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री, गढ़वाल सांसद और बदरीनाथ विधायक का पुतला दहन करने पर आपस में भिड़े, दरअसल चक्काजाम स्थल पर मुख्यमंत्री, गढ़वाल संसाद और प्रभारी मंत्री धन सिंह का पुतला बनाकर लाया गया था लेकिन धनसिंह की जगह बदरीनाथ विधायक का पुतला फूंकने की मांग भाजपा कार्यकर्ताओं ने की जिसके बाद भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में आपस में ही कुछ भिड़ंत देखी गयी।

चक्काजाम स्थल ओर सुबह से ही प्रशासन द्वारा इस महाबंद को खत्म करने के लिए संगठन के लोगों का मान मनोबल किया गया लेकिन संगठन ने प्रशासन की एक नहीं सुनी और 3 घंटे तक बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर डटे रहे साथ ही इस दौरान सम्पूर्ण ज्योतिर्मठ बाजार बंद रखा गया।

चक्काजाम स्थल लार सुबह से ही नगर के समस्त वार्डों से महिलाएं और पुरुष जुटने लग गए थे देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में भीड़ एकत्रित हो गयी। 3 घंटे तक बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग ओर वाहनों की पूर्ण रूप से आवाजाही बंद रही और पुलिस प्रशासन द्वारा बदरीनाथ, हेमकुंड जाने वाले यात्रियों के वाहनों को सेलंग और पीपलकोटी के पास रोका गया था साथ ही चमोली की तरफ जाने वाले वाहनों को नगर में ही रोका गया था। चक्काजाम किये जाने के करीब एक घंटे बाद अपरजिलाधिकारी चमोली विवेक प्रकाश और उपजिलाधिकारी जोशीमठ घटनास्थल पर पहुंचे और काफी मान-मनोबल के बाद मूल, पुस्तैनी आंदोलनरत लोगों को मनाया और जानकारी दी कि ज्योतिर्मठ नगर के ट्रीटमेंट और स्थायी पुनर्वास के लिए शासन और प्रशासन स्तर पर कार्यवाही जारी है। कहा कि जोशीमठ नगर के स्थिरीकरण की डीपीआर शासन द्वारा आईआईटी रुड़की को भेजी गई है जहां से डीपीआर पास होने के बाद तुरंत ज्योतिर्मठ नगर के नीचे अलकनंदा नदी और धौली गंगा कर किनारे तटबंध के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा। कहा कि जिलाधिकारी चमोली द्वारा शासन और प्रशासन स्तर पर जोशीमठ नगर के सुरक्षा कार्यों को लेकर जो भी निर्णय और प्रगति हुई होगी वो सब 25 अक्टूबर तक स्वयं जिलाधिकारी चमोली जोशीमठ पहुंच कर मूल, पुस्तैनी निवासियों के समक्ष रखेंगे। इसके अलावा मूल निवास स्वाभिमान संगठन के अन्य समस्त मांगों पर भी जिलाधिकारी चमोली द्वारा सकारात्मक परिणाम लेकर 1 माह बाद अक्टूबर माह में मूल, पुस्तैनी निवासियों के समक्ष सारी बातें रखी जायेगी इन सब बातों पर लिखित आश्वासन के बाद चक्काजाम खत्म किया गया।

मूल निवास स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष भुवनचंद्र उनियाल का कहना है कि मूल निवासी लंबे समय से जोशीमठ नगर में सुरक्षा कार्य, पुस्तैनी भवनों का मुआवजा, आपदा प्रभावितों को सहायता समेत अनेक मुद्दों पर सरकार को पत्राचार कर रही है मुलाकात कर रही है लेकिन सरकार जोशीमठ को लेकर कोई भी कार्य धरातल पर आज तक नहीं कर पाई है जिसके बाद आज लोग चक्काजाम करने के लिए मजबूर है।
पूर्व सभासद समीर डिमरी का कहना है कि जोशीमठ के लोगों को विस्थान नहीं चाहिए यहां के मूल निवासियों की सबसे पहली मांग है कि जोशीमठ नगर में सुरक्षात्मक कार्य शुरू किए जाए, कहा कि आज प्रशासन द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया है कि 1 माह में नगर में सुरक्षा के कार्य शुरू किए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 1 माह के बाद भी सुरक्षा के कार्य जमीन पर नहीं उतरते है तो 25 अक्टूबर के बाद जोशीमठ के मूल, पुस्तैनी निवासी आज से भी दोगुनी संख्या में एकत्रित होकर अनिश्चितकालीन चक्काजाम करने के लिए मजबूर होगी।
इस अवसर पर व्यापार मंडल अध्यक्ष नैन सिंह भंडारी, टैक्सी यूनियन अध्यक्ष चंडीप्रसाद बहुगुणा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, भगवती प्रसाद कपरूवाण, समीर डिमरी, प्रकाश नेगी, अमित सती, प्रवेश डिमरी, हरेंद्र राणा, सौरभ राणा, शुभम रावत, देवेश्वरी शाह, आरती उनियाल समेत कई उपस्थित थे।

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