थैंग गांव के पास स्थित प्रकृति की अनछुई एवं खूबसूरत फूलों से सजी “चनाप वैली” ट्रैक ऑफ दि ईयर 2025–26 घोषित, जगी पर्यटन की उम्मीद

पर्यटन विभाग द्वारा हर वर्ष ऐसे ट्रैकिंग स्थल जो गुमनाम होते है और जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं होती है उन घाटियों और ट्रैकिंग स्थलों के व्यापक प्रचार–प्रसार के लिए ट्रैक ऑफ द ईयर की सूची में सूचीबद्ध किया जाता है।

ज्योतिर्मठ विकासखंड में दूसरी बार किसी घाटी को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित किया गया है। वर्ष 2017 में द्रोणागिरी को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित किया गया था और इस वर्ष ज्योतिर्मठ प्रखंड के दूरस्थ गांव थैंग क पास स्थित चनाप घाटी को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित किया गया है। किसी घाटी को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित करने पीछे मुख्य वजह होती है ऐसे ट्रैकिंग स्थल जो दुनियां के और खासकर पर्यटन की दृष्टि से ओझल होते है जहां पर्यटन की व्यापक संभावनाएं होती है। इन ट्रैक रूटों पर आधारभूत सुविधा का विकास और व्यायक प्रचार–प्रसार से ये ट्रैकिंग क्षेत्र जहां पर्यटन से जुड़ेंगे वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा और सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। थैंग गांव के पास स्थित चनाप घाटी प्रकृति की अनमोल नेमत है। जहां 350 से भी अधिक प्रकार के सुगंधित और खुशबूदार दुर्लभ प्रजाति के पुष्प इस घाटी को और भी ज्यादा खूबसूरत बनाते है। लगभग पांच वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली ये घाटी सोना शिखर के आधार पर 13000 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। जोशीमठ से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस घाटी में वर्ष के जुलाई से लेकर शीतकाल में भी आसानी से ट्रैक किया जा सकता है। लोगों की पहुंच कम होने और व्यापक प्रचार–प्रसार के अभाव में ये घाटी ज्यादातर गुमनाम ही रही। हाल के वर्षों में गांव के दिलवर सिंह फरस्वांण और उनके कुछ अन्य साथियों ने घाटी का व्यापक प्रचार प्रसार किया और एक पुस्तिका भी इस घाटी के बारे में प्रकाशित की। इसके अलावा पूर्व ब्लॉक प्रमुख ज्योतिर्मठ प्रकाश रावत ने भी घाटी को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित करने और थैंग गांव में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए सरकार और पर्यटन विभाग से पत्राचार किया।
चनाप वैली को ट्रैक ऑफ द ईयर 2025–26 घोषित होने पर पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धर्मेंद्र नेगी, पूर्व प्रधान महावीर सिंह पंवार, प्रधान मीरा देवी और अमरनाथ पंवार, धन सिंह ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि चनाप वैली को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित होने के बाद इस घाटी का  व्यापक प्रचार–प्रसार हो सकेगा और पर्यटन सुविधाओं के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
होटल एसोसिएशन ज्योतिर्मठ के अध्यक्ष राकेश रंजन भिलंगवाल और एडवेंचर एसोशिएशन के अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि चनाप घाटी को ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित होने के बाद जहां घाटी में आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी वहीं क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय का विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि घाटी का ट्रैक ऑफ द ईयर घोषित होने से अभी तक घाटी का व्यापक प्रचार–प्रसार और पर्यटकों की पहुंच कम थी उसमें भी बढ़ोत्तरी होगी। थैंग गांव के साथ ही जोशीमठ के कई युवा घाटी में ट्रैकिंग गाईड, ट्रैकिंग रूट पर पर्यटन व्यवसाय शुरू कर सकते है।

चनाप घाटी के मुख्य आकर्षण
चनाण हल: चनाप बुग्याल में मौजूद फूलों की प्राकृतिक क्यारी को ‘चनाण हल’ नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि हर साल देवी नंदा के धर्म भाई लाटू देवता यहां हल चलाकर क्यारी तैयार करते हैं।
लाटू कुंड:चनाप बुग्याल के बायीं ओर एक विशाल कुंड है, जो अब दलदल का रूप ले चुका है। इस कुंड को लाटू कुंड के नाम से जाना जाता है।
जाखभूत धारा (झरना): चनाप बुग्याल के ठीक सामने काला डांग (ब्लैक स्टोन) नामक चोटी से निकलने वाले विशाल झरने को जाखभूत धारा नाम से जाना जाता है।
मस्क्वास्याणी: चनाप बुग्याल के बायीं ओर ब्रह्मकमल की एक विशाल क्यारी है, जो जुलाई से सितंबर तक हरी-भरी रहती है। इसे मस्क्वास्याणी नाम दिया गया है।
फुलाना बुग्याल: चनाप बुग्याल से 400 मीटर दूर 130 डिग्री की ढलान पर जड़ी-बूटी व फूलों की एक विशाल क्यारी है। इसे ग्रामीण फुलाना बुग्याल नाम से जानते हैं।
काला डांग:चनाप बुग्याल के ठीक सामने एक विशाल काले पत्थर की चोटी है, जो सितंबर तक हिमाच्छादित रहती है। काली होने के कारण यह चोटी बेहद आकर्षक नजर आती है।

कैसे पहुंचे चनाप घाटी

हवाई मार्ग: 
• देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा: (Dehradun’s Jolly Grant Airport) निकटतम हवाई अड्डा है।
• हवाई अड्डे से आप जोशीमठ के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं।
रेल मार्ग: 
• ऋषिकेश: या हरिद्वार निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन हैं।
• ऋषिकेश या हरिद्वार पहुंचने के बाद, जोशीमठ के लिए बस या टैक्सी ले सकते हैं।
सड़क मार्ग:
• दिल्ली: या अन्य प्रमुख शहरों से आप ऋषिकेश, हरिद्वार या सीधे जोशीमठ तक बस या टैक्सी कर सकते हैं।
• जोशीमठ पहुंचने के बाद, वहां से मारवाड़ी या विष्णुप्रयाग के रास्ते टैक्सी या अन्य वाहन से थैंग गाँव तक पहुंचें. थैंग गाँव तक अब सड़क भी बन गई है, जिससे ट्रेक आसान हो गया है।
थैंग गाँव से चनाप घाटी तक (ट्रेक): 
1. पहला दिन:
जोशीमठ/विष्णुप्रयाग से थैंग गाँव तक पैदल या सड़क मार्ग से जाएं (लगभग 8-10 किमी)।
2. दूसरा दिन:
थैंग गाँव से धार खर्क तक ट्रेक करें (लगभग 6 किमी).
3. तीसरा दिन:
धार खर्क से चनाप घाटी तक पहुंचें (लगभग 4 किमी).
अन्य रास्ता (40 किमी लंबा ट्रेक): 
• बद्रीनाथ हाईवे पर वैनाकुली से खीरों व माकपाटा होते हुए भी चेनाप घाटी पहुँचा जा सकता है, जो एक लंबा ट्रेक है और बंगाली पर्यटकों में लोकप्रिय है।

पर्यटन क्षेत्र के मुख्य पड़ाव थैंग में पर्यटकों के लिए रहने–खाने की पर्याप्त व्यवस्था है। साथ ही घाटी में जाने के लिए ट्रैकिंग गाईड, घोड़े–खच्चर की व्यवस्था भी है।

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