उत्तराखंड शासन की रोक के बावजूद बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शनों का सिलसिला जारी है। दोनो धामों के कपाट खुलने से अब तक कई वीआईपी दर्शन कर चुके है। हालांकि मुख्य सचिव उत्तराखंड ने आदेश जारी कर राज्यों के सभी मुख्य सचिवों को पत्र प्रेषित किया था जिनमें स्पष्ट कहा गया था कि कपाट खुलने के 15 दिनों तक धामों में किसी भी प्रकार ल वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन नहीं होंगे, लेकिन मुख्य सचिव की ओर से जारी इस पत्र का धरातल पर कोई असर होता नहीं दिखाई दे रहा है। बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद वीआईपी का इन धामो में आने का और विशेष दर्शनों का सिलसिला लगातार जारी है। केदारनाथ के कपाट 10 को खोले गए थे और उसी दिन सूबे के मुख्यमंत्री के अलावा कई वीआईपी ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए।विगत 12 मई को बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुले। इसके बाद से ही यहां वीआईपी का आने का सिलसिला जारी है। हालांकि विगत 27 अप्रैल को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों की मुख्य सचिवों को पत्र प्रेषित कर 15 दिनों तक यात्रा से परहेज करने की बात कही थी लेकिन विडंबना यह है कि राज्य के अति विशिष्ट अतिथि ही अपनी ही सरकार के बने इस नियम को तोड़ने पर आमादा है।
ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित महापंचायत समिति के केंद्रीय अध्यक्ष उमेश सती ने कहा कि जिस तरह से बदरीनाथ और केदारनाथ में वीआईपी आकर विशेष दर्शन कर रहे हैं, उससे यह स्पष्ट होता है कि शासन की ओर से जारी पत्र और नियम का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने राज्यपाल और आरएसएस संगठन के बड़े पदाधिकारी की इस दौरान दर्शन करने पर भी सवाल उठया आए कहा कि जब वीआईपी दर्शन कर रहे हैं तो फिर इस तरह के आदेशों को जारी करने का क्या औचित्य क्या है।