जोशीमठ भू-धंसाव आपदा को 18 से अधिक का समय गुजर चुका है लेकिन नगर में विस्थापन, पुनर्वास एवं स्थिरीकरण के कार्य शुरु नहीं हो पाए गए। नगर में 1200 घरों का विस्थापन होना है जिनका चिन्हीकरण हो चुका है लेकिन अभी तक विस्थापन-पुनर्वास के कार्य पर कोई ठोस योजना सरकार की तरफ से नहीं बन पाई है। जोशीमठ भू-धंसाव आपदा में आम लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए संघर्षरत जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के शिष्टमंडल ने आज आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन से मुलाकात की और नगर में हुए भू-धंसाव के बाद उपजे हालात का निराकरण करने के लिए चार सूत्रीय बिंदुओं पर मांगपत्र सौंपा। मांगपत्र में 8 अप्रैल 2023 को संघर्ष समिति और मुख्यमंत्री के बीच बनी सहमति के बिंदुओं पर कार्यवाही, जोशीमठ के बिगड़ते हालात पर तत्काल सुरक्षात्मक एवं स्थिरीकरण के कार्य शुरू करने, सरकार के साथ बनी सहमति के आधार पर तत्काल राहत, पुनर्वास के कार्य प्रारंभ करने, राहत, पुनर्वास और मुआवजे के कार्यों के शीघ्र निस्तारण हेतु जिले के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कैम्प आयोजित किये जाने के साथ नियमित अंतराल पर बैठक हो जिसमें संघर्ष समिति को शामिल करने सहित मुख्य बिंदु शामिल है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि आपदा प्रबंधन सचिव से जोशीमठ भू-धंसाव के प्रभावितों के स्थायी पुनर्वास एवं विस्थापन पर विस्तृत चर्चा हुई जिसमें जोशीमठ नगर के स्थिरीकरण, प्रभावितों का मुआवजा समेत सभी जनहित के प्रमुख बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा है कि वो स्वयं अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह में जोशीमठ आएंगे और स्थितियों का स्वयं निरीक्षण करेंगे। मुलाकात करने वालों में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति केअध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, प्रवक्ता कमल रतूड़ी, कोषाध्यक्ष संजय उनियाल, हरीश भंडारी शामिल थे।