गुरुवार को शंकराचार्य मठ में जोशीमठ बचाओं संघर्ष समिति के द्वारा पत्रकार वार्ता की गई। पत्रकार वार्ता का मुख्य उद्देश्य पिछले दिनों संघर्ष समिति के लोग जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावितों की साबित मांगों के संदर्भ में राज्य की मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन सचिव से मिले थे और बहुत से बिंदुओं पर सहमति बनी थी।
वार्ता में संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल जिनकी मुलाकात देहरादून में मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन सचिव से हुई थी, कहा कि जोशीमठ के लोगो को जोशीमठ के ही आसपास पुनर्वास किया जाय, जिसके लिए भूमि के सुझाव आपदा प्रबन्धन सचिव द्वारा संघर्ष समिति से मांगे गए, जिस पर उन्होने शीघ्र कार्यवाही का भरोसा दिया है, सरकार द्वारा सर्वेक्षण के नाम पर जो आधे-अधूरे विकल्प पत्र बाटे गये थे सचिव ने वे विकल्प पत्र वापस करने मे सहमति दी है साथ ही नये विकल्प पत्र जिनमें लोगो की आजीविका, व्यवसाय, कृषि, परम्परागत हक-हकूक,आस्था, विश्वास के साथ ही सामाजिक, सामुदायिक हित से जुडे विकल्प भी शामिल करने पर सहमति बनी, जिसके निर्देश उपजिलाधिकारी को दिए है, प्रभावितों की जमीन के मूल्य पर भी तत्काल कार्यवाही का आश्वासन मिला है, जिन लोगो का भवन है परंतु भूमि नाम पर नही है उनके लिये भूमि उपलब्ध कराने पर सहमति बनी है, होम-स्टे को व्यावसायिक श्रेणी से हटाने पर कुछ शर्तो के साथ सहमति बनी है, व्यवसायिक भवनों के स्लैब को लेकर स्लैब परिवर्तन पर बात हुई है, परम्परागत भवनों, टीन शेड, कच्चे भवन के मूल्य तुरंत घोषित होने पर सहमति बनी हुई है, राजीव आवास और प्रधानमंत्री आवास के भवनो का तुरंत भुगतान किए जाने पर सहमति बनी है, जिन लोगो के जोशीमठ मे व्यवसाय, होटल दुकान आदि है उनके लिये जोशीमठ के पास ही जहां पुर्नवास हो सके वहां इसकी व्यवस्था बनाई जाय जिस पर सहमति बनी है, असुरक्षित क्षेत्र की कृषि भूमि पर जो उसका भुगतान चाहते है और जो स्वयं के स्वामित्व मे रखना चाहते है वे रख सकते है। पत्रकार वार्ता में संघर्ष समिति ने कहा कि कुछ बिंदुओं पर सहमति शेष है उन पर हमार दबाव सरकार और प्रशासन पर बना रहेगा। इस मौके पर जोशीमठ बचाओं संघर्ष समिति के संरक्षक अतुल सती, अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार, संजय उनियाल, नैन सिह भंडारी, हरीश भंडारी, जयदीप मेहता सहित कई लोग मौजदू है।