भगवान शंकराचार्य की गद्दी और तेल कलश, उद्धव, कुबेर जी की डोली पांडुकेश्वर से बदरीनाथ ओर रवाना

12 मई को ब्रह्ममुहूर्त में प्रातः 06 बजे विश्व प्रसिद्ध भगवान बदरीनाथ जी के कपाट खुलेंगे। जिसकी प्रक्रिया 10 मई को भगवान बदरी विशाल के शीतकालीन पूजा स्थल श्री नृसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद हो गयी थी। पहले दिन श्री नृसिंह मंदिर से यात्रा के प्रथम पड़ाव पांडुकेश्वर में शंकराचार्य जी की गद्दी, पवित्र तेल कलश पहुंचा, जहां भब्य स्वागत के बाद भगवान कुबेर, उद्धव और बासुदेव जी की विधिवत पूजा की गई।

बदरीनाथ जी के मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा पांडुकेश्वर में भगवान कुबेर, उद्धव, बासुदेव और बदरीनाथ जी की एक दिवसीय पूजा अर्चना की गयी। उसके बाद शंकराचार्य की गद्दी, कुबेर और उद्धव जी की उत्सव डोली बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हो गयी है। इस दौरान भारी तादाद में भक्तों ने डोली के साथ भगवान बदरी विशाल के धाम प्रस्थान किया। कल ब्रह्ममुहूर्त में कपाट खुलने के साथ ही 6 माह बाद नर और नारायण का अद्भुत मिलन होगा और अगले 6 माह तक भगवान बदरी विशाल जी की समस्त पूजाएँ नर द्वारा संपादित की जाएंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share

You cannot copy content of this page