मौसम विभाग के अनुसार पर्वतीय जिलों में 3 दिनों का भारी हिमपात और निचले इकलों में बौछार के साथ ऑरेंज, यलो अलर्ट घोषित किया गया था। जो कि 1 मार्च से 3 मार्च तक का था। पिछले 70 घंटों से पहाडी क्षेत्रों के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार आगे 8 से 10 घंटे बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फवारी की चेतावनी जारी को गयी है। 4 मार्च से मौसम से राहत मिलने की भी उम्मीद जताई गई है। बारिश और बर्फवारी के बाद पहाड़ों के साथ ही मैदानी इलाकों में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। कई जगह संपर्क मार्गों पर मलबा आने से मार्ग बाधित हुए है जिन्हें या तो सुचारू कर दिया गया है या सुचारू करने का कार्य जारी है। पिछले कई वर्षों को तुलना में मार्च महीनें में इस प्रकार की मूसलाधार बारिश देखने को मिल रही है। पश्चिमी विक्षोभ के अचानक सक्रिय होने से मौसम में बदलाव हुआ है। हालांकि इस वर्ष पहाड़ों में सामान्य से कम बर्फवारी हुई है लेकिन बेमौसम बर्फवारी और बारिश ने पहाड़ों के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में मुश्किल पैदा कर दी है। विश्वप्रसिद्ध हिमक्रीड़ा स्थल औली, बदरीनाथ, हेमकुंड सहित सीमांत घाटियों में जमकर बर्फवारी हो रही है वहीं निचले इलाकों में बौछार के साथ बारिश जारी है। अगर अगले कुछ और घंटे इसी प्रकार बारिश और बर्फवारी जारी रहती है तो निश्चित रूप से आसमानी संकट जनजीवन को प्रभावित करेगा।