नमामि गंगे के तहत पूरे प्रदेश में गंगा सहित उसकी 15 सहायक नदियों, जल धाराओं, नालों सहित 62 विभिन्न स्थानों पर सप्ताह में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इसको लेकर भारतीय वन्य जीव संस्थान, स्थानीय स्वयं सहायता महिला समूहों से जुड़ी स्वावलंबी महिलाओ, स्थानीय युवाओं और गंगा प्रहरियों ने मिलकर पर्यटन स्थली औली के निचले इलाकों, औली टीवी टावर के पास अलकनंदा नदी की सहायक धारा मनोटी और आसपास के नाले में बृहद स्वच्छता अभियान चलाया। इस स्वच्छता अभियान में बड़ी बात ये रही की सभी गंगा प्रहरियों द्वारा इस दौरान करीब 500 से ज्यादा कांच की बोतल तथा 280 से ज्यादा प्लास्टिक रेपर एकत्रित किये गए। जो को पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से बड़ी उपलब्धि है।
इससे वन्य जीवन और प्राकृतिक सुन्दरता से लबालब ईको टूरिज्म क्षेत्र मनोटी, औली वैली में आखिर इतनी मात्रा में जल धाराओं और प्राकृतिक नालों के आसपास खाली शराब की बोतले और प्लास्टिक कूड़ा रेपर आए कहां से या इन्हे कौन इस तरह खुले में फेंक रहा है। जबकि खुले में कूड़ा फेंकना सख्त अपराध है क्षेत्र के गंगा प्रहरी और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े युवा विवेक पंवार बताते है की हिमालय के जंगलो और नदियों और उनकी सहायक जल धाराओं, प्राकृतिक जल स्रोतों को प्लास्टिक मुक्त बनाने की ये एक एक छोटी सी मुहीम है। इतनी शांति प्रिय जगह के प्राकृतिक वातावरण को इन शराब की खाली पड़ी सैकड़ों बोतलों और खाने-पीने के सामानों के प्लास्टिक कूड़ा रेपरो को जल-धाराओं और प्राकृतिक नालों में इस तरह फेंका जाना अपने आसपास के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ ही नही बल्कि दूषित मानसिकता वाले लोगो का काम है। हालांकि आज उन्होंने अपने गंगा प्रहरी युवाओं मातृ-शक्ति स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के सहयोग से यह स्वच्छता जागरूकता अभियान शुरू किया है और यहां मनोटी क्षेत्र से 500 से अधिक कांच की बोतलों के साथ प्लास्टिक कूड़ा का निस्तंतरण किया है। इस अभियान में स्थानीय युवाओं ने आज बढ़-चढ़ कर भाग लिया जिसमें प्रकाश पंवार, सरस्वती देवी, कुशुमलता भुजवान, प्रभा, जयदीप सिंह, भूपेंद्र सिंह, विकास नंबूरी आदि लोगो ने भाग लिया।