चिपको आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ पर उर्गम घाटी के पिलखी गांव के ग्रामीणों ने पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधकर पेड़ बचाने का संकल्प लिया

उर्गम घाटी के पिलखी गांव में ग्रामीणों ने गौरा देवी की याद में रोप गए 300 से अधिक पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधकर चिपको आंदोलन की नेत्री गौरा देवी को याद किया।चिपको नेत्री गौरा देवी स्मृति वन के 300 से अधिक पेड़ों को भेंटा-भर्की सड़क निर्माण के कारण खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों ने आज चिपको आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर वनीकरण स्थल पर जाकर पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधे और संकल्प लिया कि इन पेड़ों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे चाहे सड़क निर्माण का कार्य कर रहे विभाग के खिलाफ आंदोलन ही क्यों न करना पड़े। आज अंकुर बाल पंचायत पिलखी, युवक मंगल दल महिला मंगल दल पिलखी, सामाजिक कार्यकर्ता जनदेश के सचिव लक्ष्मण सिंह नेगी, भूतपूर्व सैनिक सूबेदार भोला सिंह नेगी, रामेश्वरी देवी, सरस्वती देवी, सूरज सिंह, आशुतोष नेगी, ऋषभ नेगी, अमन नेगी, अंशिका, पूर्व युवक मंगल दल अध्यक्ष भरत सिंह नेगी, ग्राम प्रधान हेमलता देवी सहित कई ग्रामीणों ने पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांध करके संकल्प लिया कि इस लड़ाई को बड़े स्तर पर लड़ी जाएगी। इस अवसर पर ग्राम प्रधान हेमलता देवी भेंटा ने कहां की कई बार अधिकारियों से कहने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है, आज हम लोगों ने पेड़ों पर राखी बांधकर इस आंदोलन को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहां की हम हर वर्ष गौरा देवी को याद करते हैं और हमने यह वनीकरण उन्हीं के नाम से बनाया हैं। ठेकेदार और विभाग के द्वारा हमारे 200 से अधिक पेड़ों को नुकसान किया जा रहा है और वनीकरण में 300 से अधिक पेड़ खत्म हो जाएंगे और इसके लिए हम बच्चे, महिला ,युवक सब संघर्ष के लिए तैयार है। वर्ष 2015-16 में डुग्गी तोक में वनीकरण बनाया गया था और इस वनीकरण का नाम गौरा देवी वनीकरण रखा गया है, यह प्रयास पूर्व ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह के द्वारा किया गया किंतु विभाग और प्रशासन के लोग इसमें कोई भी सकारात्मक कार्यवाही नहीं हो पाई है।

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