अभूतपूर्व है राष्ट्र निर्माण में पंडित गोविंद बल्लभ पंत का योगदान

महान स्वाधीनता संग्राम सेनानी, देश के पूर्व गृह मंत्री, उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत को आज उनके 137वें जन्मदिन पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्योतिर्मठ (चमोली) में महाविद्यालय परिवार द्वारा श्रद्धा और सम्मान के साथ याद किया गया। इस अवसर पर छात्र -छात्राओं ने “वर्तमान राजनैतिक परिवेश में पंडित गोविंद बल्लभ पंत के विचारों की प्रासंगिकता”— विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पंत जी के चित्र पर प्राचार्य डॉ. जी. के.सेमवाल द्वारा दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि अर्पित कर हुआ। अपने उदबोधन ने डॉ. सेमवाल ने भारतीय स्वाधीनता यात्रा में पंडित गोविंद बल्लभ पंत के योगदान को अभूतपूर्व बताया और उन्हें श्रेष्ठ प्रशासक, जननायक और हिंदी भाषा के साथ साथ आम जनता का नायक बताया । कार्यक्रम के संयोजक डॉ. चरणसिंह केदारखण्डी ने विषय भूमिका रखते हुए पंत जी की जीवन यात्रा और वैचारिक विरासत को याद किया।
भाषण प्रतियोगिता में छात्र छात्राओं ने पुरजोर और प्रभावी प्रस्तुति के माध्यम से शानदार विमर्श तैयार किया । भाषण प्रतियोगिता में बी. ए. प्रथम सेमेस्टर की छात्रा विशाखा को प्रथम स्थान, बी. ए. तृतीय की छात्रा पूर्णिमा को द्वितीय स्थान और बी. ए. तृतीय की छात्रा प्रियांशी भट्ट को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ ।
कार्यक्रम में डॉ. नवीन पंत, डॉ. पवन कुमार और डॉ. किशोरी लाल ने निर्णायक की भूमिका अदा की। इस अवसर पर डॉ. धीरेंद्र सिंह , डॉ. नवीन कोहली और डॉ. नंदन सिंह रावत समेत छात्रकि-छात्राएं उपस्थित रहे।

 

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