जोशीमठ नगर के ठीक नीचे हेलंग से मारवाड़ी बाईपास सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। हेलंग से मारवाड़ी तक इस सड़क का 06 किलोमीटर निर्माण होना है। सड़क बनने के बाद ऐतिहासिक एवं पौराणिक शहर जोशीमठ पूर्ण रूप से मुख्य यात्रा मार्ग से कट जायेगा।
वर्तमान में विश्वप्रसिद्ध बदरीनाथ धाम और हेमकुंड की यात्रा हेलंग से जोशीमठ होते हुए होती है। 12 अक्टूबर को जोशीमठ और सेलंग गांव जो कि पूर्व से एनटीपीसी कंपनी से प्रभावित है, एक भूस्खलन का खौफनाक वीडियो सामने आ रहा है जिसमें सड़क निर्माण का कार्य कर रही केसीसी कंपनी की एक मशीन दब गई और वहां कार्य कर रहे मजदूर जान बचाकर भागते नगर आ रहे है।
सेलंग गांव के स्थानीय लोगों का सड़क निर्माणदायी कंपनी पर आरोप है कि सड़क निर्माण में विस्फोटकों का प्रयोग हो रहा है जिससे गांव के लोग भी दहशत में है और उन्होंने इस बाबत उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देकर कार्यवाही की मांग पूर्व में कई है लेकिन इसके बावजूद कंपनी द्वारा ब्लास्ट करना जारी है। 12 अक्टूबर को बिना बारिश बाईपास सड़क पर हुए भूस्खलन से भारी मलबा निर्माणाधीन सड़क पर आ गया है। भूस्खलन की तस्वीर इतनी खौफनाक थी कि पिछले साल से जोशीमठ नगर में हो रहे भूस्खलन के बाद नगर के लोग एक बार फिर से दहशत में है। कई वर्षों से लंबित इस सड़क को बनाने की जिद एक ऐतिहासिक और पौराणिक शहर का अस्तित्व खत्म करने की मनसा जैसी है। जोशीमठ नगर के लोग वर्षों से इस सड़क के बनाये जाने का विरोध कर रहे है और भौगोलिक परिस्थितियां भी इस सड़क को बनाये जाने के अनुकूल नहीं है। इसका जीता जागता उदाहरण जोशीमठ को लेकर वर्ष 1976 में गठित मिश्रा समिति की रिपोर्ट है। तमाम अटकलों और विपरीद भू-गर्भीय बाध्यताओं के बावजूद सरकार और सीमा सड़क संगठन इस सड़क को बनाने का भरपूर प्रयास कर रही है।