भगवान राम के प्रति भाई भरत का प्रेम देख दर्शकों की आंखें भर आयी, पहली बार ज्योतिर्मठ के रविग्राम की रामलीला में महिला पात्रों ने भागीदारी

ज्योर्तिमठ के रविग्राम में वर्ष 1969 से प्रारम्भ हुई रामलीला में अपने 55 वें वर्ष में प्रवेश करते हुए नया रूप लेने का अभिनव प्रयास किया जा रहा है। इस वर्ष आयोजित रामलीला महोत्सव 15 अक्टूबर 2024 से शुरू हो चुकी है। बताते चलें कि अब तक चार दिनों की रामलीला का समापन हो चुका है और आज भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के लिए प्रस्थान कर चुके है। शनिवार रात राम वन गमन, चित्रकूट भरत मिलाप की लीला का मार्मिक मंचन किया गया। इसकी शुरुआत शुक्रवार रात्रि के दृश्य में राजा दशरथ का अपने मंत्रियों के साथ विचार विमर्श कर अपनी अवस्था को देखते हुए राम को राजा बनाकर स्वयं वानप्रस्थ आश्रम में जाने की घोषणा का दृश्य प्रस्तुत किया गया। दशरथ की इस घोषणा को अयोध्यावासियों सहित सभी ने सुना तो मंथरा का मत भ्रमित हो गया। इसके बाद मंथरा ने कैकेयी को भरमा कर कोप भवन में चले जाकर राजा दशरथ से अपने दो वरदान मांगने की सलाह दी। इनमें पहले वरदान में भरत को अयोध्या का राज और दूसरे में राम को 14 वर्षों का वनवास, कैकेयी की यह मांग सुनकर राजा दशरथ मूर्छित हो जाते है। साथ की कैकेयी राम और लक्ष्मण को बुलाकर वन जाने का आदेश देती है।
राम-लक्ष्मण और माता सीता बन जाने की जब तैयारी करने लगते है, राजमहल में कैकैयी द्वारा राजसी वस्त्र उतार कर वनवासी वेश में तब राम लक्ष्मण को तैयार किया जाता है, उस दृश्य को देखकर सभी श्रोताओं के आंखों से आंसू बहने लगे। राम के वन जाने के शोक में राजा दशरथ अपने प्राण त्याग देते है। गुरु वशिष्ठ के निर्देशानुसार ननिहाल से भरत और शत्रुघ्न को बुलाया जाता है। भरत और शत्रुघ्न अयोध्या की स्थिति को देखकर माता कैकेयी को खूब खरी- खोटी सुनाते हैं और पूरी अयोध्या की जनता और मंत्रीगणों के साथ चित्रकूट की ओर भैया राम को वापस लाने के लिए चल देते है। दूसरी ओर राम तमसा नदी पार करने के लिए केवट को जब बुलाते हैं तो राम और केवट के बीच की संवाद जन-जन के मन में अमृत घोलता दिखा।

मुख्य आकर्षण इस बार रविग्राम ज्योर्तिमठ की रामलीला में कैकई मेघा भट्ट, कौशल्या प्रिया डिमरी और सुमित्रा प्राची पंत सहित अनेकों पात्रों का पात्र अभिनय महिलाओं द्वारा निभाया जा रहा है जो की संपूर्ण पैनखंडा के इतिहास में पहली बार हो रहा है।

इस अवसर पर सांस्कृतिक परिषद् रविग्राम के अध्यक्ष सत्य प्रकाश डिमरी, उपाध्यक्ष अनिल सकलानी, उपाध्यक्ष महेंद्र नंबूरी, सह सचिव अमित डिमरी, कोषाध्यक्ष समीर डिमरी, उप कोषाध्यक्ष प्रताप भुजवाण, सोशल मीडिया प्रभारी नवनीत सिलोडी, प्रचार मंत्री दिनेश भुजवाण, शिवम सकलानी, प्रवेश डिमरी, अखिलेश भुजवाण, अभिषेक बहुगुणा और शुभम रावत समेत बड़ी संख्या में रामभक्त उपस्थित रहे।

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