हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में करीब 8 माह बाद श्री हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोल दिये गए है।
सुबह 9:30 बजे गुरुग्रंथ सहाब को सचखंड से पंच प्यारों की अगुवाई में और आर्मी के बैंड-बाजों की मधुर धुनों के साथ दरबार साहब में सुशोभित किया गया। सुबह 10:00 बजे साल की पहली अरदास पढ़ी गयी। सुबह 10:10 बजे तक सुखमणि साहब का पाठ हुआ। 10:15 से 11:35 तक कीर्तन 12:35 से 1 बजे तक हुक्मनामा लिया गया और उसके बाद मुख्य ग्रंथि द्वारा हेमकुंड साहब का इतिहास आयी हुई संगतों को बताया गया। इसी के साथ हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिये गए। सिखों के सभी पवित्र तीर्थों में से सबसे ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड के प्रति सिख श्रद्धालुओ की श्रद्धा कठिन चुनौतियों पर भी भारी पड़ती है। धाम में सिख श्रद्धालु पवित्र कुंड में डुबकी लगाकर मत्था टेकते है।
सिख धर्म की आस्था के प्रमुख केंद्र और पवित्र तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब जी के कपाट आज को विधि-विधान और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इसी के साथ श्री हेमकुंड साहिब की वार्षिक यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो गया है।
कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत, शनिवार को गोविन्दघाट गुरुद्वारे से ‘पंच प्यारों’ की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था भारी पुलिस सुरक्षा, बैंड-बाजों की धुन और पवित्र निशान साहिब के साथ हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुआ था। इस जत्थे ने रात्रि विश्राम घांघरिया गुरुद्वारे में किया।