विश्वप्रसिद्ध भगवान बदरी विशाल के कपाट 17 नवम्बर को रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर मिथुन लग्न में शीतकाल हेतु बंद हो जाएंगे। कपाट बंद होने की प्रक्रिया 05 दिन पूर्व से शुरू हो जाती है जिसके अंतर्गत पंच पूजाएँ प्रारंभ हो जाती है। सबसे पहले भगवान गणेश जी के कपाट बंद होते है। इसी के तहत कल बुधवार प्रातः काल से ही श्री गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना के बाद गणेश जी की कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल कहते है कि, कल 13 नवम्बर बुधवार को प्रातः गणेश जी की पूजा के बाद गणेश जी के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। 14 नवम्बर बृहस्पतिवार के दिन भगवान शंकर आदिकेदारेश्वर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। 15 नवम्बर शुक्रवार के दिन वेद और खड्ग पुस्तक पूजन किया जायेगा इस दिन से धाम में वेदों का उच्चारण बंद हो जाता है। 16 नवम्बर को शनिवार को महालक्ष्मी पूजन किया और उन्हें निमंत्रण दिया जाएगा। इस प्रकार समस्त विधि-विधान और रीति-नीति के अनुसार भगवान नारायण के कपाट शुभ मुहूर्त में शीतकाल हेतु बंद कर दिए जाएंगे।