जोशीमठ नगर के कई वार्ड पिछले 1 साल से भी अधिक समय से भू-धंसाव से प्रभावित है। जनवरी 2023 में जोशीमठ नगर के मनोहबाग वार्ड में व्यापक भू-धंसाव हुआ जिसके बाद से लेकर अभी तक भू-धंसाव जारी है। इस बीच जोशीमठ नगर के लोग अपने भविष्य को लेकर, व्यापार और स्थायी पुनर्वास विस्थापन को लेकर सरकार से मांग कर रहे है। सरकार से कई बार जोशीमठ के लोग स्थायी एवं सुरक्षित विस्थापन को लेकर गुहार लगा चुके है। लेकिन सरकार की जोशीमठ नगर के विस्थापन और पुनर्वास को लेकर नीति से यहां के लोग सहमत नहीं है। जिस कारण यहां के लोग बार-बार आंदोलन के लिए बाध्य हो रहे है और धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो रहे है। आज शनिवार को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के आह्वान पर जोशीमठ नगर के लोग फिर से एक दिवसीय अनशन पर तहसील परिसर में बैठे और 20 जनवरी 2024 के आपदा प्रबंधन सचिव द्वारा पुनर्वास एवं विस्थापन की के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर जोशीमठ नगर के लोगों में हितों को ध्यान में रखते हुए पुनर्वास एवं विस्थापन नीति बनाये को कहा। जोशीमठ के विभिन्न वार्डों में 1200 मकानों को रेड जोन में रखा गया है जिसके ध्वस्तीकरण की कार्यवाही गतिमान है। जिससे जोशीमठ के लोग आशंकित है। एक दिवसीय अनशन के में आंदोलनकारियों ने सरकार को चेताया कि अगर समय रहते ही सरकार जोशीमठ के निवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए समग्र व्यापक पुनर्वास एवं विस्थापन नीति नहीं बनती है को एक बार फिर जोशीमठ के लोग सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। आंदोलन में शामिल लोगों ने धरना प्रदर्शन के बाद उपजिलाधिकारी जोशीमठ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में जोशीमठ के जिन वार्डों को डेंजर जोन में शामिल किया गया है उसकी तर्कसंगतता पर खुलासा, भारत सरकार की विस्थापन एवं पुनर्वास नीति को लागू करने, स्थानीय लोगों की सेना द्वारा कब्जा की गई जमीन लौटाने, भूमि का मूल्य निर्धारण कर शीघ्र भुगतान करने, आपदा के चलते जोशीमठ के लोगों को हुए नुकसान की भरपाई करने, जोशीमठ नगर के स्थरीकरण का का कार्य शीघ्र शुरू करने, नगर के भू-धंसाव प्रभावितों परिवारों का विस्थापन जोशीमठ नगर क्षेत्र के सुरक्षित जोन में करने, होम स्टे को व्यावसायिक श्रेणी से हटाकर स्लैब सिस्टम को निरस्त करने, 08 अप्रैल 2023 को मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता के बाद बनी सहमति के बिंदुओं को अमल में लाने और नगर क्षेत्र में स्थित कृषि एवं व्यावसायिक मुआवजा शीघ्र देने की मांग समेत 11 बिंदुंओ पर शीघ्र कार्यवाही को मांग की गई है। धरना प्रदर्शन में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार ने कहा कि पिछले एक साल से जोशीमठ नगर के भू-धंसाव प्रभावित लोग सुरक्षित विस्थापन की मांग कर रहे है लेकिन सरकार भू-धंसाव प्रभावितों की मांगों को अनदेखा कर रही है जो बड़ा चिंता का विषय है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक कामरेड अतुल सती ने कहा कि जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र के लिए व्यापक विस्थापन एवं पुनर्वास नीति बनाने की आवश्यकता है। कहा कि सरकार और प्रशासन यहां के लोगों को धैर्य की परीक्षा ले रही है, अगर सरकार अभी भी नहीं चेती तो एक बार फिर से लोगों को व्यापक आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
धरना प्रदर्शन में कमल रतूड़ी, हरीश भंडारी, रजनीश पंवार, भुवनचंद्र उनियाल, राकेश सती, कुशालानंद बहुगुणा, मीना डिमरी, लीला देवी, गंगी देवी, गौरी देवी, प्रभा सेवी समेत नगर के कई लोग उपस्थित थे।