उत्तराखंड में पशुपालन और लघु उद्योगों में स्वरोजगार की व्यापक संभावना

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में चल रहे बारह दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रशिक्षणार्थियों को पशुपालन से स्वरोजगार उत्पन्न करने की जानकारी दी गई। सत्र को संबोधित करते हुए विषय विशेषज्ञ हरी प्रसाद मंमगाई ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में दुधारू गाय, भैंस पालकर डेयरी उत्पादन से स्वरोजगार पैदा किया जा सकता है।उन्होंने आगे बताया कि किस तरह से विदेशी वस्तुओं को हम उत्तराखंड में बनी वस्तुओं से प्रस्थापित कर सकते हैं।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में डॉ. बन्दना लौहनी ने उत्तराखंड सरकार द्वारा लघु उद्योगों के लिए चलाई जा रही स्वरोजगार परक योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
इस अवसर पर डॉ. दीपक दयाल, डॉ रूपेश कुमार, जयदीप किशोर, कपिल भंडारी, इरम अंसारी, बीरेंद्र असवाल आदि उपस्थित थे।

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