राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर में समान नागरिक संहिता पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का उद्देश्य महाविद्यालय के प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों में उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से लागू समान सिविल संहिता के प्रति जागरूकता का प्रसार करना रहा। इस कार्यक्रम का आयोजन राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। समान नागरिक संहिता 2025 के प्रावधानों पर व्याख्यान देने के लिए अधिवक्ता मनोज भट्ट मुख्य वक्ता रहे।
कार्यक्रम में बोलते हुए भट्ट ने बताया कि यह कानून महिलाओं को अधिकार दिलाने में सहायक है। 26 मार्च 2010 के बाद विवाहितों को अनिवार्य रजिस्ट्रेशन करवाना है। कहा कि यह कानून; विवाह, उत्तराधिकार और विच्छेद में स्पष्टता लाता है। उत्तराखंड में लिव इन रिलेशन में रह रहे जोड़े को अनिवार्य रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। 21 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के मामले में माता पिता को सूचित किए जाने का प्रावधान है। रजिस्ट्रेशन में सुविधा और शीघ्रता के लिए तीन नए रजिस्ट्रेशन ऑथोरिटी बनाई गई हैं। भट्ट ने अपने व्यावहारिक अनुभवों का हवाला देते हुए कहा कि विवाह का प्रमाणन अच्छा कदम है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य एम के नगवाल ने सभी प्राध्यापकों और कर्मचारियों से अपील की, कि वे अपना रजिस्ट्रेशन शीघ्रता से करें।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ जेएमएस नेगी ने अधिवक्ता मनोज भट्ट और सभी उपस्थित श्रोताओं का धन्यवाद किया गया और डॉ मनीष कुमार मिश्रा कानून के उद्देश्य और संवैधानिक रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग के प्रभारी दर्शन सिंह नेगी ने किया।