विश्व सांस्कृतिक धरोहर रम्माण मेले का आयोजन 25 अप्रैल बृहस्पतिवार 13 गते बैशाख को सलूड़-डुंग्रा गांव में होगा। शनिवार को बैसाखी पर्व पर भूमि क्षेत्रपाल देवता के मंदिर में विधि-विधान के साथ पांचों ने रम्माण के आयोजन की तिथि की घोषणा की।
जोशीमठ प्रखंड के सलूड़-डुंग्रा की संयुक्त पंचायत द्वारा हर वर्ष होने वाले रम्माण मेले की तिथि शनिवार को ग्रामीणों की मौजूदगी में सुनिश्चित की गई। परंपरानुसार बैसाखी पर्व पर पूर्वाह्न 11 बजे डुंग्रा गांव से ढोल दमाऊं के साथ भूम्याल क्षेत्रपाल देवता बाण-बस्तर को सलूड़ भूमि क्षेत्रपाल मंदिर में लाया गया।
इसी के साथ भूमि क्षेत्रपाल देवता की विधिवत पूजा शुरू जो गयी जो रम्माण मेले तक अनवरत जारी रहेगी। रम्माण मेले के संयोजक डॉ. कुशल भंडारी ने बताया कि रम्माण का मंचन 25 अप्रैल को होगा। इससे पूर्व 24 अप्रैल की रात्रि को 18 पत्तर लगेंगे। 15 से 24 अप्रैल तक तक भूमि क्षेत्रपाल देवता सलूड़-डुंग्रा गांव के भ्रमण पर रहेंगे और 24 की रात को मंदिर में मुखौटा नृत्य होगा। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष शरत सिंह बंगारी, भरत सिंह पंवार, रणवीर सिंह, प्रदीप, रघुवीर नेगी, पंकज बैंजवाल, लक्ष्मण सुंदरियाल, दलबीर सिंह, पूर्णानंद सती, रघुनाथ सिंह, विकेश कुंवर समेत ग्राम पंचायत के पंच मौजूद रहे।