युवा वैज्ञानिकों ने किया कृतिम बौद्धिकता पर मंथन

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ के विज्ञान संकाय के छात्र-छात्राओं के द्वारा आज संकाय के प्रोफेसर्स के मार्गदर्शन में “कृतिम बौद्धिकता-एक सबल यंत्र या गंभीर चुनौती” विषय पर गंभीर मंथन किया और ए. आई. के सभी सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों की तार्किक विवेचना की।विज्ञान संकाय के युवा वैज्ञानिकों ने जहाँ कृतिम बौद्धिकता को मानव की विज्ञान और अनुसंधान यात्रा में मील का पत्थर बताया वहीं कुछ युवाओं ने ए.आई. के कारण निकट भविष्य में मनुष्य और धरती के लिए होने वाली गंभीर चुनौतियों पर भी उपस्थित लोगों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इसके प्रयोग को लेकर सजग रहने की अपील की। सभी ने सहमति जताई कि कृतिम बौद्धिकता पर अकादमिक जगत के साथ साथ बड़े पैमाने पर समाज में विचार मंथन होना चाहिए ताकि जागरूकता बढ़ सके। विमर्श में मार्गदर्शक की भूमिका में वरिष्ठ प्रोफेसर सत्यनारायण राव, डॉ. राहुल तिवारी, डॉ. नवीन कोहली और डॉ. मुकेश चंद रहे। कृतिम बौद्धिकता जैसे नवीनतम विषय पर आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में किशन उनियाल और अंशुल रावत संयुक्त रूप से प्रथम स्थान पर रहे, कृतिका रौंतेला और नैंसी राणा ने संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान जबकि अपेक्षा और वैदेही पँवार ने सँयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।

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