उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य में लागू समान नागरिक संहिता कानून को वापस लिए जाने को लेकर भाकपा-माले ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

उत्तराखंड में धामी सरकार द्वारा लागू किये गए समान नागरिक संहिता कानून को भारत के संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध बताते हुए भाकपा-माले ने इस कानून को वापस लिए जाने को लेकर आज उपजिलाधिकारी जोशीमठ के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा लागू किये गए समान नागरिक संहिता कानून भारतीय संविधान के नीति निर्देशक खंड के अनुच्छेद-44 के विरुद्ध है, यह कानून उत्तराखंड के साथ ही उत्तराखंड के वो लोग जो राज्य के बाहर रहते है उन पर भी लागू किया गया है, कानून में अलग-अलग उलंघनों के लिये अलग-अलग दंड की व्यवस्था की गई है, विवाह पंजीकरण की अनिवार्यता, लिव इन रिलेशनशिप पंजीकरण की अनिवार्यता से निजता का हनन समेत अनेक खामियों की बात ज्ञापन में कही गयी है।

ज्ञापन प्रेषित करने वालों में भाजपा माले के गढ़वाल सचिव कामरेड अतुल सती, विनोद लाल, हरीश लाल, बद्री लाल ऋतिक समेत गढ़वाल इकाई जोशीमठ के सदस्य मौजूद थे।

 

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