भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में स्थिति पार्वती कुंड के दर्शनों के लिए स्थानीय लोगों पहुंचने लगे है।सीमांत क्षेत्र में स्थित पार्वती कुंड की यात्रा अत्यंत पवित्र और साहसिक मानी जाती है। सोमवार को सीमांत गांव कोषा के स्थानीय ग्रामीणों का एक दल दीपक राणा की अगुवाई में पार्वती कुंड के दर्शन कर लौट आया है। पवित्र श्रावण मास के पहले सोमवार को ये दल पार्वती कुंड पहुंचा जहां दल शामिल स्थानीय लोगों ने शिव औए पार्वती के दर्शन कर पूजा अर्चना की। हर वर्ष ग्रीष्मकाल में पार्वती कुंड के दर्शनों के लिए स्थानीय लोगों के साथ ही देशभर के श्रद्धालुओं का भी यहां आना-जाना लगा रहता है। भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र से लगे बाड़ाहोती में पार्वती कुंड है जिसका जल बहुत ही शुद्ध और देव कार्यों में प्रयोग किया जाता है जिसका जल भी श्रद्धालु अपने साथ भरकर लाते है। बाड़ाहोती अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र से लगे होने के कारण यहां आवागमन के लिए मजिस्ट्रेट स्तर से पास बनाना अनिवार्य है। शीतकाल में इस क्षेत्र में स्थानीय लोगों के साथ ही श्रद्धालुओं का आवागमन भी प्रतिबंधित होता है। कोषा गांव के लोगों का ये इस वर्ष का पहला दल है जो पार्वती कुंड के दर्शन कर लौट आया है। दल में रूपा देवी, सीता देवी, उमा देवी, पुष्पा देवी, हीरा देवी समेत गांव के अन्य भी कई महिलाएं और पुरुष शामिल थे।