ज्योतिर्मठ के मूल, पुस्तैनी और भू-धंसाव प्रभावितों का सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम, नहीं हुई मांग पूरी तो होगा आंदोलन

ज्योतिर्मठ नगर में भू-धंसाव आपदा के बाद 20 महीनें से भी अधिक का समय गुजर गया है लेकिन अभी तक विस्थापन, पुनर्वास और नगर के स्थिरीकरण के कार्य शुरू नहीं हो पाए है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ज्योतिर्मठ के विस्थापन, पुनर्वास और स्थिरीकरण के लिए पैकेज का ऐलान भी हो गया है लेकिन जमीन पर आज तक कुछ भी कार्य शुरू नहीं हो पाए है। तात्कालिक कुछ प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद तो मिली और कुछ लोगों को उनके घरों का भुगतान भी हो गया है लेकिन जमीन कर मूल्य पर न सरकार और न आपदा प्रबंधन विभाग ने कोई निर्णय ले पाया है। अब मूल, पुस्तैनी और भू-धंसाव प्रभावितों ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। पिछले पांच दिनों में दो दौर की आपसी वार्ता और बैठक के बाद आज जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावितों ने मूल निवास स्वाभिमान संगठन के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा और 10 दिनों का समय दिया है। यदि भू-धंसाव प्रभावितों की मांगों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है तो 27 सितंबर को ज्योतिर्मठ में विशाल जनांदोलन, चक्का जाम और क्रमिक अनशन का निर्णय लिया गया है। आज दिए गए ज्ञापन में 13 सूत्रीय मांग की गई है जिसमें पुनर्वास, विस्थापन, स्थरीकरण, भवनों का मुआवजा, जमीन का मुआवजा समेत सभी प्रभावितों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग मुख्य है। ज्ञापन देने वालों में मूलनिवास स्वाभिमान संगठन के अध्यक्ष भुवनचंद्र उनियाल, व्यापार मंडल अध्यक्ष नैन सिंह भंडारी, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, भगवती प्रसाद नंबूरी, निवर्तमाम वार्ड सभासद समीर डिमरी, अमित सती, प्रकाश नेगी, ललित थपलियाल, जयप्रकाश भट्ट, रोहित परमार, हर्षवर्धन कम्दी समेत अनेक मूल, पुस्तैनी और भू-धंसाव प्रभावित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share

You cannot copy content of this page