बदरीनाथ धाम व हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग के साथ-साथ सीमांत क्षेत्र का एक मात्र सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र जोशीमठ की स्थिति बदहाल बनी हुई है। यहां पर डॉक्टर धूप का आंनद लेकर उपचार कर रहे है।
ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों का उपचार कैसे होता होगा, मरीज धूप में खड़े होकर डाक्टर से उपचार हेतु परामर्श लेने के लिए ई इंतजार में घंटो लगे रहते है। और तो और अस्पताल द्वारा मरीजों की पर्ची तक स्वास्थ्य केंद्र के छत में ही काटी जा रही है।
सीमांत क्षेत्र जोशीमठ का एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लापरवाहियों का अंबार है, लगभग 58 गांवों, नगर पालिका जोशीमठ, चारधाम यात्रा में बदरीनाथ आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही हेमकुंड यात्रा मार्ग का एकमात्र स्वास्थ्य केंद्र पहले से ही डॉक्टरों, स्टाफों और उपचार उपकरणों के कारण रेफर सेंटर बना हुआ है। स्वास्थ्य केंद्र में जो डॉक्टर वर्तमान में कार्यरत है भी उनका मरीज के प्रति कार्यप्रणाली इससे पता चलती है कि वो धूप पर बैठ कर खुद की सहूलियत के हिसाब से मरीजों का उपचार कर रहे है और परामर्श दे रहे है।