जनपद चमोली में स्थित सीमांत नगर पालिका परिषद् जोशीमठ ने स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में वित्तीय वर्ष 2011-2023 से वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक नगर क्षेत्र में डोर-टू-डोर कूड़ा अपने संसाधनों से एकत्रीकरण कर वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित किया जा रहा है। जोशीमठ नगर पालिका ने कीर्तिमान स्थापित किया है। पालिका द्वारा नगर क्षेत्र में घरों से एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से निकलने वाले 35 प्रकार के कूड़े को अलग-अलग छांटकर पुनर्चक्रण किया जाता है। नगर पालिका द्वारा अभी तक 12 लाख अठत्तर हजार तीन सौ उनसत्तर किलोग्राम कूड़े को विक्रय कर 1 करोड़ 26 हजार एक सौ बासठ रुपये की आय अर्जित की गई। नगर क्षेत्र में कूड़ा एकत्रीकरण और उसके निस्तारण में पर्यावरण मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
दरअसल, अलकनंदा के तट पर बसे जोशीमठ नगर पालिका ने वर्ष 2010 में ही पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन पैकिंग व अन्य जरिये से प्लास्टिक शहर में पहुंच ही जाता था। पालिका ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की मदद से 2010 में प्लास्टिक कचरे के निस्तारण के लिए रिसाइकिलिंग प्लांट (कंपेक्टर मशीन) लगाया। आज इस प्लांट में सात से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जो जैविक-अजैविक कूड़े को अलग-अलग करते हैं। कूड़े को एक बार रिसाइकिल कर प्लास्टिक के दाने बनाए जाते हैं, जो प्लास्टिक के खिलौने बनाने के काम आते है। अलग-अलग प्रकार के प्लास्टिक से बनने वाले दाने के पालिका ने अलग-अलग दर तय की हुई है। इन प्लास्टिक के दाने को पालिका कबाडि़यों को बेचती है। नगर पालिका जोशीमठ को 2011 में स्वच्छता पर निर्मल पालिका पुरस्कार के तहत 25 लाख का पुरस्कार भी मिल चुका है।