तपोवन विष्णुगाढ़ जल विद्युत परियोजना का कार्य कर रही एनटीपीसी कंपनी की कार्यदायी संस्था एचसीसी सेलंग स्थित टीवीएम साईट पर निर्माण कार्य कर रही है।
ग्राम सेलंग के दर्जनों लोगों परियोजना में कार्य करते थे लेकिन पिछले वर्ष जोशीमठ में भू-धंसाव की आपदा के बाद से जोशीमठ में परियोजना के खिलाफ लोगों ने भू-धंसाव होने के लिए जिम्मेदार ठहराया और आनन-फानन में जिला प्रशासन ने परियोजना का कार्य अग्रिम आदेशों तक के लिए बंद कर दिया और कार्यदायी कंपनी ने “काम नहीं तो दाम नहीं” की सूचना लगा कर सभी श्रमिकों को घर बैठा दिया। जिससे परियोजना में कार्य कर रहे दर्जनों स्थानीय श्रमिक बेरोजगार हो गए।
कुछ समय बाद उच्च न्यायालय द्वारा कुछ शर्तों के साथ परियोजना को सुरक्षा एवं रखरखाव के कार्य की अनुमति मिली लेकिन एचसीसी द्वारा बिना नोटिस के ही स्थानीय श्रमिकों की सेवा समाप्त कर दी गयी, सुरक्षा एवं रखरखाव के कार्य के लिए ठेकेदारी में श्रमिकों को परियोजना में रखा गया।
श्रमिकों ने सेवा बहाली और जोशीमठ आपदा के कारण बंद पड़ी परियोजना के दौरान के भुगतान के लिए कई बार मौखिक और लिखित रूप से परियोजना प्रशासन और तहसील प्रशासन को दे दिए लेकिन किसी भी स्तर से श्रमिकों की मांग और समस्याओं को कार्यवाही नहीं हुई। जिससे गुस्साए स्थानीय श्रमिकों ने आज टीवीएम साईट पर परियोजना के कार्य को बंद करवा दिया और मांगों पर उचित कार्यवाही न होने तक आंदोलन और जारी रखने की घोषणा की है। परियोजना को कार्यप्रणाली के खिलाफ गुस्साए स्थानीय श्रमिकों का कहना है कि कंपनी द्वारा स्थानीय लोगों के खिलाफ वादाखिलाफी की जा रही है और उनको कंपनी से बाहर कर बाहरी लोगों को रोजगार दिया जा रहा है, जबकि जोशीमठ आपदा के समय जब कंपनी पर भू-धंसाव के लिए जिम्मेदारी आयात की जा रही थी तक परियोजना के कर्मचारी प्रभावित गांव में आ कर अपने समर्थन में माहौल बनाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चला रहे थे जिस पर उन्होंने भी हस्ताक्षर किए। लेकिन अब परियोजना प्रशासन उनके योगदान को भूल गया और दर्जनों लोगों की बेरोजगारी का कारण बन गया है। कार्य बहिष्कार करने वालों में बिजेंद्र टम्टा, संदेश बिष्ट, प्रकाश रावत, सोहन नेगी, श्रीदेव, कन्हैया, संदीप, महेन्द्र समेत दर्जनों लोग सम्मिलित थे।