रामनवमी के पावन पर्व पर विश्व भर से सनातनियों को सन्देश देते हुए उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ महाराज ने कहा कि मर्यादापुरुषोत्तम परब्रह्म भगवान श्रीरामचन्द्र जी के अवतार का प्रमुख प्रयोजन ‘गौ-रक्षा’ ही है। क्योंकि जब पृथ्वी के ऊपर दुष्ट राजा शासन करते हुए सारी मर्यादाएं छिन्न-भिन्न करने लग जाते हैं, सनातन धर्म को नष्ट करने का उद्योग करते हैं। इस भूतल का आधार गौ, विप्र, वेद, सती, सत्यवादी, निर्लोभी और दानी हैं इसलिए जब जब इनपर संकट आता है तब भगवान अवतार धारण करते हैं। रावण जैसे दुष्ट जब राजा बनकर गौ रूपी सनातन प्रतीकों को समाप्त करने पर तुल जाता है। तब राम का अवतार होता है और वे अवतार धारण करके सबका कल्याण करते हैं।