एनटीपीसी की कार्यदायी कंपनी एचसीसी के बर्खास्त किये गए श्रमिकों की पुनर्बहाली न करने को लेकर आंदोलन की दी चेतावनी

एनटीपीसी परियोजना के तहत कार्यरत एचसीसी कम्पनी के श्रमिकों को बगैर नोटिस बगैर पूर्ण वेतन भत्ते के अन्यायपूर्ण तरीके से बर्खास्त किए जाने एवं पुनर्बहाली की मांग को लेकर एक माह पूर्व 1 अप्रैल 2024 को दिया था जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिससे स्थानीय परियोजना प्रभावित मजदूरों के सम्मुख रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। बर्खास्त किये गए श्रमिक पिछले कई वर्षो से एनटीपीसी की निर्माणाधीन विद्युत परियोजना के तहत कार्य कर रही एचसीसी कम्पनी में कार्य कर रहे थे। कंपनी द्वारा बर्खास्त किये गए प्रभावित श्रमिकों का कहना है कि हमारी भूमि, जंगल,पानी, चारागाह आदि परियोजना द्वारा अधिग्रहीत किए गए है।
क्षेत्र के बेरोजगारों को 70 प्रतिशत रोजगार की सरकार की नीति के मुकाबले बहुत ही कम लोगों को रोजगार कम्पनी द्वारा दिया गया है । उसमें भी तमाम तरह का शोषण और उत्पीड़न के बावजूद स्थानीय बेरोजगार कोई विकल्प न होने पर इस सबके बाद भी यह सब सहन करते हुए कार्य करते है। जनवरी 2023 में जोशीमठ की आपदा के मद्देनजर ,कम्पनी का कार्य सरकार द्वारा रोक दिया गया। बाद में माननीय न्यायालय ने इस रोक को जारी रखा । इसमें श्रमिकों का कोई दोष न होने के बावजूद कंपनी ने कार्य नहीं तो वेतन नहीं, के तहत वेतन बन्द कर दिया। जबकि इसी परियोजना के बैराज साईट पर कार्य कर रही ऋत्विक कम्पनी के श्रमिकों को वेतन मिलता रहा।
साल भर बाद जब कम्पनी ने रख रखाव के नाम पर कार्य पुनः शुरू किया तो स्थानीय श्रमिकों की उपेक्षा करनी शुरू कर दी। कंपनी द्वारा स्थानीय श्रमिकों को बगैर समय बद्ध नोटिस के रातों रात निकाल दिया गया और श्रमिकों का वाजिब वेतन भत्ता भी नहीं दिया गया।
अब कम्पनी ने स्थानीय बेरोजगार के स्थान पर अन्य बाहरी लोगों को भर्तियां किया जा रहा है। जिसमें स्थानीय प्रभावितों की उपेक्षा की जा रही है।
इस सबके मद्देनजर हमारी आपसे मांग है कि, सभी श्रमिकों की तत्काल पुनर्बहाली की करने, सभी श्रमिकों का साल भर का वेतन जो कम्पनी द्वारा कार्य नहीं तो वेतन नहीं, के नाम पर रोका गया है उसका तत्काल भुगतान किया करने, कम्पनी द्वारा स्थानीय हितों की अनदेखी कर जो पर्यावरण को नुकसान कर कार्य किया जा रहा है, उस पर तत्काल रोक लगाने तथा एनटीपीसी जो कि मुख्य निर्माणदायी कम्पनी है को स्थानीय बेरोजगार के हितों के संरक्षण के लिए कठोर निर्देश देने समेत बिंदुओं पर ज्ञापन दिया गया है। ज्ञापन में की गयी मांगों पर तत्काल कार्यवाही की मांग की गयी है अन्यथा आंदोलन की चेतावनी भी ज्ञापन में दी गयी है।

ज्ञापन देने वालों में भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव कामरेड अतुल सती, कमल रतूड़ी, विक्रम सिंह, राधाकृष्ण सिंह, सोहन सिंह, मनवर सिंह, भगत लाल, रोहित बिष्ट, संदेश बिष्ट, दिलवर सिंह, मनोज सिंह समेत कई स्थानीय परियोजना प्रभावित श्रमिक मौजूद थे।

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