भारतीय वन्य जीव संस्थान का पांच दिवसीय बर्ड वाचिंग कैम्प, हिमालयन बारबेट ने किया आकर्षित

प्रकृति पर्यटन और बर्ड वाचिंग के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली के आसपास के ईको टूरिज्म फॉरेस्ट सर्किट में प्रकृति पर्यटन के साथ बर्ड वाचिंग को बढ़ावा देने के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान द्वारा ठोस पहल की गई है। जोशीमठ क्षेत्र के प्रकृति प्रेमी युवाओं और स्थानीय माउंटेन गाईडो को बर्ड वाचिंग का प्रशिक्षण देकर पक्षी दर्शन के क्षेत्र में उन्हें स्वरोजगार से जोडने के लिए बुधवार 1 मई से विश्वप्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली से लगे सुनील कुंड, जगथाली, गोरसों ईको टूरिज्म फॉरेस्ट रूट के जंगलों में 5 दिवसीय बर्ड वाचिंग ट्रैनिंग कैम्प शुरू हो गया है। भारतीय वन्य जीव संस्थान द्वारा संचलित इस शिविर में जोशीमठ के सुनील, परसारी, रविग्राम, मनोटी, औली, ढाक, बड़ागांव क्षेत्र के करीब 22 प्रकृति प्रेमी और पर्यटन कारोबार से जुड़े युवा बर्ड वाचिंग का प्रशिक्षण ले रहे है।बर्ड वाचिंग ट्रैनिंग कैम्प के पहले दिन भारतीय वन्य जीव संस्थान के पक्षी विशेषज्ञ द्वारा प्रशिक्षुओं को कवांण बैंड सुनील के ईको टूरिज्म फॉरेस्ट जॉन में बर्ड वाचिंग की बेसिक अवधारणा से अवगत कराते हुए बर्ड वाचिंग के नियमों और पहलुओं के साथ वेनाकुलर सेटिंग की जानकारी दी, और साथ ही पक्षियों का अवलोकन किया। क्षेत्र में पक्षी अवलोकन को लेकर पहली बार अयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में स्थानीय युवाओं में काफी उत्साह दिखाई दे रहा है। प्रशिक्षण के पहले दिन सुबह की शिफ्ट में जहां बर्ड वाचिंग प्रशिक्षुओं को ग्रेट हिमालयन बारबेट, हिमालयन बुलबुल, चेस्ट नट बेलाइड रोक थ्रश, ब्लैक, ड्रोंगो, हिमालई वुड पैकर, फ्लाई कैचर, हिमालई गिद्ध आदि पक्षियों का दीदार उनके प्राकृतिक आवास में हुआ।
इस बर्ड वाचिंग कैम्प में प्रशिक्षण ले रहे स्थानीय प्रकृति प्रेमी पंकज सिंह, रविंद्र सिंह, भुवनेश नंबूरी, शिव प्रसाद थपलियाल, बर्ड वाचिंग ट्रैनिंग कैम्प के आज पहले दिन के अनुभव को साझा करते हुए बताते है की आमतौर पर हम लोग प्रति दिन इन सुंदर हिमालई पक्षियों को देखते है लेकिन उनके बारे में जानकारी नही रखते है। ऐसे में इस तरह के शिविर के माध्यमों से हमे इन प्रकृति के अनमोल धरोहरों इन पक्षियों के मूल व्यवहारों उनकी, प्रजातियों, प्राकृतिक आवासों, उनकी संख्याओं, के साथ-साथ उनके प्रजनन काल आदि की स्थिति के बारे में बेसिक जानकारी मिल रही है और फील्ड में पक्षी विशेषज्ञ आशीष कुमार से पक्षी जीवन पर काफी कुछ सीखने को मिल रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share

You cannot copy content of this page