विश्व प्रसिद्ध रम्माण के भव्य आयोजन के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां की शुरु, जिलाधिकारी ने अधिकारियों की बैठक में रम्माण के भव्य आयोजन को लेकर दिए आवश्यक दिशा निर्देश

चमोली के सलूड़-डुंग्रा गांव में आयोजित होने वाली विश्व धरोहर रम्माण के भव्य आयोजन के लिए जिला प्रशासन ने कवायद शुरु कर दी है। जिसे लेकर जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने रम्माण के भव्य आयोजन को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने बैठक में रम्माण के भव्य आयोजन के लिए जिला पर्यटन अधिकारी बृजेंद्र पांडे को आयोजन स्थल को फूलों और लाइट से सजाने के साथ ही दर्शकों के बैठने की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने आयोजन के प्रचार प्रसार के लिए मीडिया का सहयोग लेने के साथ ही यूट्यूबर और अन्य सोशल मीडिया ब्लॉगरों को आमंत्रित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि चमोली जनपद में आयोजित होने वाला रम्माण विश्व धरोहर है। जिसे देखते हुए इसके संरक्षण और प्रचार प्रसार के लिए आयोजन को भव्य स्वरुप दिया जा रहा है। कहा कि विश्व धरोहर रम्माण को मीडिया और सोशल मीडिया के सहयोग से प्रचारित प्रसारित कर नई पीढ़ी को इस आयोजन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

क्या है रम्माण-
चमोली जिले के पैनखंड क्षेत्र के सलूड डुंग्रा में रम्माण का आयोजन प्रतिवर्ष अप्रैल माह में बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व किया जाता है। रम्माण अपनी विशिष्ट नाट्य शैली और मुखौटों के लिए अगल पहचान लिए हुए है। जिसे देखते हुए यूनेस्को की ओर से वर्ष 2009 में रम्माण को विश्व धरोहर में शामिल किया गया था। रम्माण जहां स्थानीय लोगों की आस्था को संजोए हुए है। वहीं विश्व धरोहर होने के चलते देश और दुनिया के लोगों के लिए यह आयोजन आकर्षण का केंद्र बना रहता है। उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के बाद वर्ष 2016 में रम्माण को गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल किया गया था।

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