जोशीमठ-औली रोपवे बंद होने से जहां पर्यटक मायूस है वहीं गढ़वाल मंडल विकास निगम को हो रहा करोड़ों का नुकसान

जोशीमठ से औली को जोड़ने वाली एशिया की सबसे लंबी रोपवे 5 जनवरी 2023 को भू-धंसाव के बाद बंद कर दी गई थी इसके बाद अभी तक औली जोशीमठ रोपवे को सुचारू नहीं किया गया है जिसकी वजह से गढ़वाल मंडल विकास निगम को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।

पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण रज्जु मार्ग का बंद होना स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक का संकट पैदा कर रही है यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में पर्यटक चारों धाम की यात्रा के साथ-साथ एशिया की सबसे लंबी रोपवे का दीदार करने के लिए जोशीमठ पहुंचते थे। लेकिन अब रोपवे बंद होने से हर कोई मायूस दिखाई दे रहा है।


5 जनवरी 2023 को जो पत्र नगर पालिका जोशीमठ ने रोपवे बंद करने को लिखा था उसे पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका जोशीमठ अगर पत्र लिखकर रोपवे को बंद करने की मांग नहीं करती तो वह आज रोपवे संचालित रहती।
नगर पालिका के निवर्तमान अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि मनोहरबाग क्षेत्र में रोपवे के टावर गुजर रहे हैं उस समय लगा कि दरार पडने से टावर गिर सकते है उस से स्थानीय लोगों के मकान को खतरा हो सकता है। इसलिए नगर पालिका को तत्काल पत्र लिखकर रोपवे को बंद करने की मांग करनी पडी।
वहीं कांग्रेस के प्रदेश सचिव संगठन नवनीत सती ने बताया कि सरकार जोशीमठ की स्थिति को लेकर स्पष्ट नहीं है जोशीमठ औली रोपवे 1 वर्ष से बंद पड़ी हुई है वहीं अभी तक नगर क्षेत्र में ड्रेनेज, सीवर के साथ सुरक्षात्मक कार्य भी शुरू नहीं हो पाए हैं जिन घरों में दरार पड़ी हुई है उन घरों के उचित मुआवजे को लेकर भी स्पष्ट नीति नहीं बनाई गई है ।
गढ़वाल मंडल विकास निगम चेयरकार के भरोसे पर्यटन गतिविधियों को संचालित कर रहा है। चेयरकार प्रबंधक दीपक डिमरी ने बताया कि इन दिनों यात्रा सीजन के दौरान औली गुलजार है प्रत्येक दिन 200 से 300 लोग औली घूमने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन रोपवे बंद होने से पर्यटकों में मायूसी भी दिखाई दे रही है।

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