ब्रह्मकपाल में रसियन तीर्थ यात्रियों के दल ने अपने पित्रों का कराया पिंडदान

इन दिनों पित्र तर्पण, पिंडदान हेतु पवित्र श्राद्ध पक्ष चल रहे है। विश्वप्रसिद्ध भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम में श्राद्ध पक्ष के चलते भारत ही नही अपितु विदेशों से भी सनातन संस्कृति को समझनेऔर मानने वाले तीर्थ यात्री सनातन धर्मी बदरीनाथ धाम पहुंच कर अलकनन्दा नदी के पावन तट पर स्थित ब्रह्म कपाल तीर्थ में अपने पित्रों की मुक्ति के लिए पिंडदान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे है। सोमवार को ब्रह्म कपाल तीर्थ में 16 सदस्यीय विदेशी रसियन तीर्थ यात्रियों के दल ने ब्रह्म कपाल तीर्थ में अपने पितरों के निमित्त पिंड दान कराते हुए सदियों से चली आ रही सनातन संस्कृति का एक मजबूत मिशाल पेश की है। इस रशियन तीर्थ यात्रियों के समूह की पिंड दान पूजा करवाने वाले ब्रह्म कपाल तीर्थ के वरिष्ठ पुरोहित पंडित ऋषि प्रसाद सती ने बताया की बड़े हर्ष की बात है कि मोक्ष धाम में आजकल श्राद्ध पक्ष के चलते भारतीय श्रद्धालु पिंड दान करने ब्रह्म कपाल तीर्थ तो पहुंच ही रहे है लेकिन अब विदेशी तीर्थ यात्रियों का भी सनातन संस्कृति धर्म के प्रति झुकाव और सम्मान होना अपने आप में सनातन धर्मावलंबियों के लिए हर्ष की बात है। सोमवार को ब्रह्म कपाल तीर्थ में उनके पास रूस देश के 16 तीर्थ यात्रियों का एक समूह अपने पुरखों, पित्रों के लिए सनातन संस्कृति परंपरा के तहत श्राद्ध पक्ष में पिंड दान करने आया लिहाजा तीर्थ पुरोहित होने के नाते अपने विदेशी यजमानों के लिए उन्होंने तत्परता के साथ पिंड दान की पूरी प्रक्रिया करते हुए सभी रसियन दल के सदस्यों का सामूहिक रूप से पिंड दान पूजन कार्य सम्पन्न कराया। स्कन्द पुराण के अनुसार इस पवित्र स्थान को गया से आठ गुना अधिक फलदायी और पितृ कारक तीर्थ स्थल माना गया है। यहां विधि विधान से पिंडदान करने से पित्रों को नरक लोक से मोक्ष मिल जाता है।
यह भी उल्लेखनीय है कि सनातन धर्म में श्राद्धपक्ष का बहुत महत्व है। पित्रों के लिए समर्पित ये पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक मनाया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share

You cannot copy content of this page