हिंदी केवल भाषा नहीं, भारत की अस्मिता का आईना है-डॉ0 सेमवाल

हिंदी दिवस 14 सितंबर 2024 के अवसर पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्योतिर्मठ में हिंदी दिवस के संदर्भ में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें राजभाषा हिंदी को लेकर छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने अपने विचार और भावनाएं प्रकट किये।
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने वैश्विक परिदृश्य में हिंदी का प्रचार प्रसार विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता एवं स्वरचित कविता गायन में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी. के. सेमवाल ने किया। हिंदी विभाग के प्रभारी /सहायक प्रोफेसर श्री किशोरी लाल रंवाल्टा ने हिंदी की संवैधानिक विकास यात्रा पर अपना व्याख्यान दिया अपने उद्बोधन में उन्होंने राजभाषा के संवैधानिक प्रावधानों और तकनीकी बारीकियों के बारे मे छात्र-छात्राओं को अवगत कराया।
बीज व्याख्यान देते हुए हिंदी/अंग्रेजी के कवि डॉ. चरणसिंह “केदारखण्डी” ने भारत के सामाजिक राजनैतिक चेतना के विस्तार में हिंदी के योगदान का पुनर्पाठ किया। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि हिंदी के गौरव ग्रंथों का अध्ययन करें और बड़े साहित्यकारों को सुनें और स्वयं भी हिंदी में सृजनात्मक लेखन करें। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर गोपाल कृष्ण सेमवाल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि हिंदी भाषा भारत की एकता एवं अखंडता की पहचान है, यह केवल भाषा नहीं, भारत के अंतर्मन की परिभाषा है। उन्होंने कहा कि हिंदी ने देश को गौरव के अनेक पल दिए हैं और वह निरंतर विकसित हो रही है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के युवा रचनाकारों स्तुति, शिवानी, दिव्या, सुमन, अंकेश, विशाखा इत्यादि ने स्वरचित कविता पाठ एवं भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम का संचालन विभाग प्रभारी डॉ. किशोरी लाल रंवाल्टा द्वारा किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. सुमन सिंह राणा, डॉ. नवीन कोहली, डॉ. नवीन पंत, डॉ. रणजीत मर्तोलिया, डॉ मोनिका सती, डॉ प्रेम सिंह, डॉ पवन कुमार, रचना देवी, वरिष्ठ लिपिक श्री रणजीत सिंह राणा, अजय सिंह, मुकेश सिंह, नंदी देवी, अनीता देवी सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।

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