सेवा और समर्पण की संस्कृति से ही राष्ट्र महान होते हैं- सरदार सेवा सिंह  

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ से संबंधित राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविरार्थियों का सात दिवसीय विशेष शिविर का शुभारंभ गुरुद्वारा साहिब, ज्योतिर्मठ में हुआ। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं और अतिथियों ने राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों और उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए गुरुद्वारा साहिब गोविंद घाट के प्रबंधक और वरिष्ठ समाजसेवी सरदार सेवा सिंह ने कहा कि नौजवान स्वयंसेवकों के हाथों में भविष्य का भारत भी है और भारत का भविष्य भी। उन्होंने कहा कि परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति निःस्वार्थ सेवा और समर्पण का भाव ही हमारे देश को विकास की बुलंदियों पर पहुंचा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने देश और धर्म के लिए सिख गुरुओं के द्वारा किये गए बलिदानों की सारगर्भित चर्चा की और युवा छात्र- छात्राओं का आह्वान किया कि वे संकीर्ण धार्मिक और राजनैतिक संघर्षों से बचते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा से प्रेरणा लें। समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि बोलते हुए राजकीय महाविद्यालय के पी. टी. ए. अध्यक्ष और समाजसेवी कलम सिंह राणा ने कहा कि चरित्र निर्माण के संकल्प और अनुशासन की पूँजी के दम पर युवा अपने साथ साथ भारत की तकदीर भी बदल सकते हैं । महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. जी. के. सेमवाल ने स्वयंसेवकों से अपील की कि वे राष्ट्रीय सेवा योजना की मूल भावना ‘मैं नहीं बल्कि आप’ को आत्मसात करते हुए धर्मनगरी ज्योतिर्मठ के लिए समाज सेवा और अनुशासन का उदाहरण पेश करें और शिविर से जीवन निर्माण के सबक लेकर जाएं। इतिहासकार डॉ.रणजीत सिंह मर्तोलिया ने कहा कि यदि स्वयं को भीड़ का हिस्सा होने से रोकना है तो युवाओं को कठिन परिश्रम करना होगा और नकारात्मक सोच और परवेश से दूर रहना होगा। योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र सिंह डुंगरियाल ने विस्तार से विशेष शिविर के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए शिविर में सक्रिय सहभागिता की अपील की। डॉ. चरणसिंह केदारखंडी के संचालन में सम्पन्न इस उद्घाटन समारोह में रणजीत सिंह राणा, पुष्कर लाल, शिव सिंह, मुकेश सिंह, नंदी , अजय सिंह, पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि दिगंबर सिंह, अंकेश रावल, अंकित, सुधांशु सती आदि लोग उपस्थित रहे।

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