ज्योतिर्मठ प्रखंड के सेलंग-पैनी गांव के मध्य खनोटी नाले के पास ग्रामीणों के स्थानीय ग्रामीणों के लगभग 7-8 ढाबे बने है जिनसे ग्रामीण यात्राकाल में अपनी आजीविका चलते है।
इन ढाबों में लगभग 10 से 15 लोगों यात्राकालीन समय में रोजगार से जुड़े रहते है। इस वर्ष यात्राकाल अब अंतिम चरण में है और एक से डेढ़ महीना ही अब यात्रा का बचा है। ये ढाबे यात्राकाल में ही खुले रहते है बाकी शीतकाल में बंद रहते है। ऐसे समय में अब जब यात्रा का कुछ समय ही बचा है और प्रशासन द्वारा इन ढाबों को हटाने की कार्यवाही के बाद ढाबे संचालित कर रहे संचालकों पर रोजगार का संकट पैदा हो गया।
यात्राकाल में यात्रियों को भोजन, जलपान की सुविधा इन ढाबों में मिलती है, जहां इन ढाबा संचालकों को रोजगार मिलता प्राप्त होता है। ढाबा संचालक राजेन्द्र सिंह, चंद्रावती देवी, यशवंत सिंह, सुबोध चौहान का कहना है कि वो कई वर्षों से इस स्थान पर ढाबे संचालित कर रहे है, जिससे वो वर्षभर अपने परिवार का भरण-पोषण करते है लेकिन प्रशासन द्वारा अचानक ढाबे हटाने की कार्यवाही से उनकी आर्थिक पर संकट पैदा हो गया है। उनका आगे कहना है कि उन्होंने ढाबे में हजारों का सामान उधार ले रखा है लेकिन प्रशासन की कार्यवाही से उनको ढाबे हटाने पड़ रहे है वो सामान का उधार कैसे चुकाएंगे, उनका आगे कहना है कि प्रशासन उन्हें इस यात्रा सीजन तक ढाबे संचालित करने की मोहलत दें। वहीं प्रशासन का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे अतिक्रमण को हटाने का आदेश है जिसके तहत इन ढाबों को हटाने की कार्यवाही की जा रही है।
अब प्रशासन द्वारा अगले दो दिन में इन सभी ढाबों को हटाने की समय सीमा तय की गई है यदि ढाबा संचालक अपने ढाबों को खुद नहीं हटाते है तो प्रशासन जबरन ढाबों को हटाने की कार्यवाही करेगा।