जोशीमठ नगर के कई हिस्सों में जनवरी 2023 में भारी भू–धंसाव हुआ था। जिसके बाद जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले 3 माह से अधिक समय तक चले आंदोलन के परिणामस्वरूप आपदा प्रभावितों को भवन का मुआवजा तय हुआ। केंद्र सरकार द्वारा जोशीमठ नगर के स्थिरीकरण, मुआवजा, पुनर्वास, सुरक्षा कार्यों के लिए आंदोलन के दबाव के बाद 1640 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की।
आज जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति एवं आपदा प्रभावितों ने संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने नेतृत्व में उपजिलाधिकारी जोशीमठ के माध्यम से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि जोशीमठ नगर में आई आपदा के ढाई वर्ष बाद भी आपदा प्रभावितों को उनके मकानों का, भूमि का मुआवजा नहीं मिल पाया है। जबकि आपदा प्रभावित परिवार आज भी खतरे वाले जोन में रहने के लिए मजबूर है। प्रभावितों के लिए शासन–प्रशासन द्वारा अस्थाई शेड का निर्माण आज तक भी नहीं किया गया है। नगर में सुरक्षा के कार्य शुरू नहीं हो पाए है। सरकार और प्रशासन डीपीआर–डीपीआर का खेल खेल रही है और नगर के स्थिरीकरण एवं सुरक्षा के कार्य को गति शून्य है। ज्ञापन में कहा गया है कि अप्रैल 2023 में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के मध्य विभिन्न बिंदुओं पर सहमति बनी थी वो आज तक भी लागू नहीं हो पाए है। ज्ञापन के माध्यम में आगे कहा गया है कि यथाशीघ्र जोशीमठ नगर के स्थिरीकरण, सुरक्षा के कार्यों को तुरंत शुरू करने के साथ ही प्रभावित परिवारों को उनके भूमि, भवन के मुआवजे का भुगतान किया जाय। इसके अलावा आपदा प्रभावित जोशीमठ नगर के लोगों को विश्वास में लेकर सुरक्षात्मक कार्य करने की बात कहीं गई है। यथाशीघ्र जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति द्वारा भेजे गए ज्ञापन के बिंदुओं पर कार्यवाही न करने की दशा में आंदोलन को बात भी कहीं गई है।
ज्ञापन में जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार, संयोजक अतुल सती, प्रवक्ता कमल रतूड़ी, कोषाध्यक्ष संजय उनियाल, सुनील वार्ड के सभासद सुशील पंवार, मनोहरबाग वार्ड से सभासद सौरभ राणा, नृसिंहमंदिर वार्ड से सभासद दीपक शाह, दीपक टम्टा, करण सिंह, सतीश डिमरी, ऋतिक राणा, हरीश लाल, बसंत लाल, लक्ष्मी देवी के हस्ताक्षर है।