बदरीनाथ धाम के कपाट कल प्रातःकाल भक्तों के दर्शन हेतु खुले, कभी कपाट खुले एक दिन भी नहीं हुआ कि बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय हक-हकूकधारी शासन-प्रशासन और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति प्रशासन के खिलाफ विभिन्न मांगों को लेकर मुखर हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पहले लगभग 4 घंटे मंदिर परिसर में प्रदर्शन किया उसके बाद साकेत चौराहे पर क्रमिक अनशन में बैठ गए है। गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सरकार, प्रशासन और मंदिर समिति की अब्यवस्थाओं के खिलाफ धाम में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद कर दिए है।
प्रदर्शन में बामणी गांव की महिलाएं, स्थानीय हकहकूकधारी, पंडा पंचायत के तीर्थ पुरोहित शामिल है। तीर्थ पुरोहित लंबे समय से मास्टर प्लान के अंतर्गत धाम में हो रही अनियोजित तोड़-फोड़ के खिलाफ आक्रोशित है उसके अलावा सरकार द्वारा धाम में वीआईपी दर्शन और अन्य मांगों को लेकर आज लोगों का गुस्सा धाम में फुट पड़ा।
गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने धाम में व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद करा दिए और क्रमिक अनशन पर बैठ गए है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार, प्रशासन और मंदिर समिति पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कई बार गुहार लगाने के बाद भी सरकार, प्रशासन और मंदिर समिति द्वारा उनकी जायज मांगों को नहीं सुना जा रहा है। जिसके बाद उनको मजबूरन आंदोलित होना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने मंदिर समिति के अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग भी उठायी है। प्रदर्शनकारी साकेत चौराहे पर भी जी क्रमिक अनशन पर डटे हुए है। एक तरफ धाम में बारी संख्या में श्रद्धालुओं का जमावड़ा है दूसरी तरफ सरकार और प्रशासन की 2 माह पूर्व यात्रा तैयारियों पर माथापच्ची की पोल खोल रहे तीर्थ पुरोहित, व्यापारी वर्ग और स्थानीय हक-हकूकधारियों का प्रदर्शन निश्चित रुप से सरकार, प्रशासन और मंदिर समिति पर गंभीर सवालिया-निशान खड़ा करता है।