पंच केदारों में से एक, चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई को ब्रह्म मुहुर्त पर विधि विधान के साथ खोले दिए जाएंगे। रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खुलने से पूर्व की प्रक्रिया आज मंगलवार से शीतकालीन पूजा स्थल गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में आज प्रातः काल से आरम्भ हो गयी। रुद्रनाथ में भगवान शिव के मुख रूप की पूजा होता है और यहां भगवान अपने एकानन स्वरूप में विराजमान है। इसलिए भगवान शिव को यहां एकानन भोलेनाथ के नाम से भी पुकारा जाता है। लगभग 21 किमी0 की कठिन दूरी को तय कर भक्त रुद्रनाथ पहुंचते है। रुद्रनाथ पहुंचने के लिए मंडल से, गोपेश्वर के सगर गांव से और जोशीमठ में उर्गम, डुमक होते हुए भी पैदल मार्ग है। गोपीनाथ मंदिर समिति के प्रबंधक अनसूया प्रसाद भट्ट ने बताया 18 मई को भगवान रुद्रनाथ के कपाट विधि विधान के साथ खुलेंगे। कहा कि भगवान रुद्रनाथ के कपाट खुलने से पूर्व 14 से 16 मई सुबह तक भगवान रुद्रनाथ के उत्सव विग्रह स्वरूप के दर्शन गोपीनाथ मंदिर गोपेश्वर परिसर में भक्त कर पाएंगे। 16 मई को भगवान रुद्रनाथ की डोली रुद्रनाथ के लिए प्रस्थान करेगी और 18 मई को पूर्ण विधि-विधान से ब्रह्ममुहूर्त में भगवान रुद्रनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल में भक्तों के दर्शनार्थ खुल जाएंगे।